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बिहार में जमकर गरजे मोदी, चुन-चुन के छोड़े 'तीर'

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तीन नवंबर को दूसरे चरण का मतदान होगा. आज दूसरे चरण के चुनाव प्रचार का आखिरी दिन था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में आज चार रैलियां कर परिवारवाद और लालू राज पर निशाना साधा. साथ ही केंद्र और राज्य सरकार के किए कामों की जानकारी दी.

Prime Minister Narendra Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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Published : Nov 1, 2020, 7:27 PM IST

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तीन नवंबर को दूसरे चरण का मतदान होगा. चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार पहुंचे. मोदी ने बिहार में आज चार रैलियां कीं. प्रधानमंत्री ने पहली रैली छपरा में की. दूसरी रैली समस्तीपुर में और तीसरी रैली मोतिहारी में की. बगहा में अपनी चौथी रैली को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री दिल्ली लौट गए.

प्रधानमंत्री ने सभी रैलियों में परिवारवाद और लालू राज पर निशाना साधा. साथ ही केंद्र और राज्य सरकार के किए कामों की जानकारी दी. लगे हाथ महत्वपूर्ण और राष्ट्रहित के मुद्दों पर विपक्ष की भूमिका पर भी सवाल उठाए. प्रधानमंत्री ने विपक्ष के मुद्दों को भेदने के लिए चुन-चुन कर बयानों के तीर छोड़े.

तेजस्वी और राहुल पर जोरदार हमला बोला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार में सबसे पहले छपरा पहुंचे. यहां उन्होंने तेजस्वी यादव और राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला. मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आज बिहार के सामने डबल इंजन की सरकार है. दूसरी तरफ डबल-डबल युवराज भी हैं. उनमें से एक तो जंगलराज के युवराज भी हैं. डबल इंजन वाली एनडीए सरकार बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, तो ये डबल-डबल युवराज अपने-अपने सिंहासन को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं.

मोदी ने कहा कि 3 से 4 साल पहले यूपी के चुनाव में भी डबल-डबल युवराज बस के ऊपर चढ़कर लोगों के सामने हाथ हिला रहे थे. यूपी की जनता ने वहां उन्हें घर लौटा दिया था. वहां के एक युवराज अब जंगलराज के युवराज से मिल गए हैं. यूपी में जो डबल-डबल युवराज का हुआ, वो ही बिहार में होगा. आज के नौजवान को खुद से पूछना चाहिए कि बड़ी-बड़ी परियोजनाएं जो बिहार के लिए इतनी जरूरी थीं, वो बरसों तक क्यों अटकी रहीं?

कांग्रेस को सरदार पटेल की जन्म जयंती पर घेरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समस्तीपुर में हुई रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश में एक तरफ लोकतंत्र के लिए पूर्ण रूप से समर्पित एनडीए का गठबंधन है, वहीं दूसरी तरफ अपने निहित स्वार्थ को समर्पित पारिवारिक गठबंधन है. सरदार साहब ने पूरा जीवन सिर्फ और सिर्फ देश के लिए लगाया की नहीं? सरदार साहब कांग्रेस पार्टी के थे कि नहीं? फिर भी कांग्रेस पार्टी ने कल सरदार पटेल की जन्म जयंती पर उनका स्मरण तक नहीं किया.

उन्होंने कहा कि सिर्फ और सिर्फ अपने-अपने परिवार के लिए काम कर रही इन पारिवारिक पार्टियों ने आपको क्या दिया? बड़े-बड़े बंगले बने, तो किसके बने? महल बने, तो किसके बने? बड़ी-बड़ी करोड़ों की गाड़ियां आईं, गाड़ियों का काफिला बना, तो किसका बना?

मां! दिल्ली में तुम्हारा बेटा बैठा है
पीएम मोदी ने मोतिहारी में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कोरोना के शुरुआती दौर पर बात की. मोदी ने कहा कि बिहार के जो श्रमिक परिवार दूसरे राज्यों से लौटे हैं, उनके राशन से लेकर रोजगार तक के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान चलाया गया है. कटाई और खरीद के साथ-साथ लॉकडाउन के दौरान बुवाई के लिए भी किसानों को हर जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई गई.

उन्होंने कहा कि जब कोरोना का संकट देश में आया तो सबसे पहले गांव, गरीब और किसान के बारे में ही सोचा गया. ये संक्रमण गांव तक न फैले, इसके लिए सही समय पर लॉकडाउन किया गया. गरीब परिवारों को भूखा न सोना पड़े, इसके लिए दीवाली और छठ पूजा तक मुफ्त राशन की व्यवस्था की गई.

इससे पहले छपरा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि कोरोना के काल में किसी मां को ये चिंता करने की जरूरत नहीं है कि छठ पूजा को कैसे मनाएंगे. अरे मेरी मां! आपने अपने बेटे को दिल्ली मैं बैठाया है, तो क्या वो छठ की चिंता नहीं करेगा! मां! तुम छठ की तैयारी करो, दिल्ली में तुम्हारा बेटा बैठा है.

बगहा में पीएम मोदी ने नीतीश को दी शाबाशी
आज की अंतिम और चौथी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बगहा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शाबाशी देते हुए कहा कि नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार में एनडीए की सरकार ने तेजी से काम किए. युवाओं को बिहार में ही रोजगार मिले ये जरूरी है. ये कौन दिलाएगा? वो जिन्होंने बिहार को अंधेरे और अपराध की पहचान दी, जिनके लिए रोजगार देना करोड़ों की कमाई का माध्यम है या फिर नीतीश के नेतृत्व में एनडीए, जिसने बिहार को बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकालने का काम किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर बिहार गांवों में रोजगार के अवसर तैयार करने का अभियान है. आत्मनिर्भर बिहार, बिहार के गौरव और बिहार के वैभव को फिर से लौटाने का मिशन है. थारू समुदाय की पीढ़ियों ने जनजाति का दर्जा पाने के लिए लंबा इंतजार किया. ये अटल जी की ही सरकार थी, जिसने थारू समुदाय को जनजाति का दर्जा दिया.

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