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Published : Sep 25, 2019, 9:50 AM IST

Updated : Oct 1, 2019, 10:44 PM IST

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UN में महात्मा गांधी पर डाक टिकट जारी, PM मोदी ने सोलर पार्क का उद्घाटन किया

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस दौरान सोलर पार्क और संयुक्त राष्ट्र डाक टिकट का उद्घाटन किया. कार्यक्रम में कई राष्ट्र प्रमुखों ने भी गांधीजी को लेकर अपने-अपने विचार रखे.

सोलर पार्क का उद्धाटन

न्यूयॉर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विश्व के नेताओं ने यहां संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में गांधी सोलर पार्क का उद्घाटन किया. इस दौरान यूएन महासचिव एंतोनियो गुतारेस और और अन्य राष्ट्रप्रमुख भी मौजूद रहे. इसके साथ ही गांधी की 150वीं जयंती पर संयुक्त राष्ट्र ने उनकी याद में एक डाक टिकट भी जारी किया.

गांधी की 150वीं जयंती पर यूएन में समकालीन विश्व में महात्मा गांधी की प्रासंगिकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

यूएन में सोलर पार्क का उद्घाटन

पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गांधी जी भारतीय थे, लेकिन सिर्फ भारत के नहीं थे. आज ये मंच इसका जीवंत उदाहरण है. आप कल्पना कर सकते हैं कि जिनसे गांधी जी कभी मिले नहीं, वो भी उनके जीवन से कितना प्रभावित रहे. मार्टिन लूथर किंग जूनियर हों या नेल्सन मंडेला उनके विचारों का आधार महात्मा गांधी थे, गांधी जी का विजन था.

यूएन ने डाक टिकट जारी किया

मोदी के संबोधन के प्रमुख अंश:

  • चाहे क्लाइमेट चेंज हो या फिर आतंकवाद, भ्रष्टाचार हो या फिर स्वार्थपरक सामाजिक जीवन, गांधी जी के ये सिद्धांत, हमें मानवता की रक्षा करने के लिए मार्गदर्शक की तरह काम करते हैं. मुझे विश्वास है कि गांधी जी का दिखाया ये रास्ता बेहतर विश्व के निर्माण में प्रेरक सिद्ध होगा.
  • बीते 5 वर्षों में हमने जनभागीदारी को प्राथमिकता दी है. चाहे स्वच्छ भारत अभियान हो, डिजिटल इंडिया हो, जनता अब इन अभियानों का नेतृत्व खुद कर रही है.
  • आज लोकतंत्र की परिभाषा का एक सीमित अर्थ रह गया है कि जनता अपनी पसंद की सरकार चुने और सरकार जनता की अपेक्षा के अनुसार काम करे. लेकिन महात्मा गांधी ने लोकतंत्र की असली शक्ति पर बल दिया.
    महात्मा गांधी पर डाक टिकट
  • अगर आजादी के संघर्ष की जिम्मेदारी गांधी जी पर न होती तो भी वो स्वराज और स्वावलंबन के मूल तत्व को लेकर आगे बढ़ते.
  • गांधी जी का ये विजन आज भारत के सामने बड़ी चुनौतियों के समाधान का बड़ा माध्यम बन रहा है.
  • महात्मा गांधी परिवर्तन लाए, ये सर्वविदित है, लेकिन ये कहना भी उचित होगा कि उन्होंने लोगों की आंतरिक शक्ति को जगा कर उन्हें स्वयं परिवर्तन लाने के लिए जागृत किया.
  • उन्होंने वो दिशा दिखाई जिसमें लोग शासन पर निर्भर न हों और स्वावलंबी बनें. महात्मा गांधी ने एक ऐसी समाज व्यवस्था का बीड़ा उठाया, जो सरकार पर निर्भर न हो.
    कई राष्ट्रप्रमुखों ने यूएन में गांधी पर विचार रखे

इस समारोह में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, भूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइ इन, सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लुंग, जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू माइकल होलनेस और न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न समेत कई राष्ट्र प्रमुखों ने हिस्सा लिया.

Last Updated : Oct 1, 2019, 10:44 PM IST

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