नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज राज्यसभा में केंद्र सरकार की ओर से जवाब दिया. उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति से कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की अपील नहीं की है.
गौरतलब है कि एस जयशंकर बतौर विदेश सचिव पीएम मोदी के साथ जी-20 शिखर सम्मेलन में गए थे. नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में जयशंकर को विदेश मंत्री बनाया है.
राज्यसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि मैं राष्ट्रपति ट्रंप के बयान का स्पष्ट रूप से खंडन करता हूं. भारत के प्रधानमंत्री ने कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका के राष्ट्रपति से किसी भी तरह के मध्यस्थता की अपील नहीं की थी. उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दे केवल द्विपक्षीय हैं.
जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के साथ किसी भी लंबित मुद्दों पर सिर्फ द्विपक्षीय वार्ता होगी, ऐसा भारत का स्पष्ट रूख है. पाक के साथ किसी भी तरह के संबंध और व्यवसाय की पहली शर्त सीमा-पार आतंक का खात्मा है.
शिमला समझौते और लाहौर की घोषणा का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा, इससे भारत-पाक के बीच तमाम मुद्दों का द्विपक्षीय समाधान करने का पर्याप्त आधार मिलता है. उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि मेरे विशिष्ट और स्पष्ट जवाब के बाद किसी भी तरह की शंका नहीं होनी चाहिए.
कांग्रेस नेता ने उठाए सवाल
इससे पहले सदन में कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने कहा कि पूरा देश स्तब्ध था जब बीती रात अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर उनसे मदद मांगी है. बकौल शर्मा ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से कहा कि पीएम मोदी ने ओसाका में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान मुझसे अपील की कि क्या आप कश्मीर के मुद्दे पर मध्यस्थता करेंगे?