जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे, जल्द ही राष्ट्राध्यक्षों के 12वें सालाना द्विपक्षीय सम्मेलन में हिस्सा लेने भारत आयेंगे. हांलाकि ये कहा गया है कि ये सम्मेलन 15 से 17 दिसंबर को होगा, लेकिन इसके स्थान के बारे में अभी कोई घोषणा नहीं की गई है. वहीं एक टीवी चैनल ने ये दावा किया है कि ये सम्मेलन गुवाहाटी में होगा और इसके लिये वहां एक 115 साल पुराने ब्रिटिश काल के बंगले को तैयार किया जा रहा है. इस जगह को चुनने के पीछे पीएम मोदी की पसंद बताई जा रही है. इससे पहले भी पीएम, विदेशी राजनेताओं के साथ देश के अलग-अलग हिस्सों में मुलाकात करते रहे हैं.
जापान के अलावा, केवल रूस और भारत के बीच ऐसे द्विपक्षीय सम्मेलन होते हैं. हाल ही में रूस ने 18वें भारत-रूस सम्मिट में हिस्सा लिया था. इनके अलावा, हाल ही में भारत और चीन के बीच भी हेड ऑफ स्टेट स्तर के सम्मेलन की शुरुआत हुई है, लेकिन ये अभी अनौपचारिक स्तर पर ही है. ये सवाल उठना स्वाभाविक है कि जापान को भारत ने इन दोनों विश्व शक्तियों जितना महत्व क्यों दिया है. इसके पीछे कारण साफ है, आर्थिक तौर पर जापान भारत का सबसे बड़ा दाता है. निवेश के लिहाज से भी जापान भारत में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है. जापान ने साल 2000 से अब तक भारत में कुल 27.28 बिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश किया है. भारत और जापान के बीच आर्थिक साझेदारी के दो बड़े उदाहरणों में जापानी मदद से बनी दिल्ली मेट्रो और अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल है, जिसे बुलेट ट्रेन के नाम से जाना जाता है.
बुलेट ट्रेन परियोजना को 2013 सम्मेलन के दौरान हरी झंडी मिली थी और इसके लिये जापान ने भारत को 0.1% सालाना ब्याज दर पर 50 साल के लिये $13 बिलियन देने का वादा किया है, जिसमें ऋण वापसी के लिये 15 साल का मॉरेटोरियम का समय भी है. ये शायद भारत द्वारा अब तक की गई सबसे फायदेमंद डीलों मे से एक है, लेकिन दुर्भाग्यवश इस परियोजना पर महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार के आने के बाद से तलवार लटक रही है.
अभी तक हुए सम्मेलनों में, विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और निवेश के 24 ये ज्यादा करार हो चुके हैं, लेकिन इसे कहीं से भी कामयाबी नही माना जा सकता है. भारत में ऑटो, फार्मा और इलेकट्रानिक्स के क्षेत्र में कई जापानी कंपनियां काम कर रही हैं. जापान क्षेत्रफल में भारत से 11.5% और आबादी के लिहाज से 11% कम है. लेकिन, जापान की आर्थिक ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जापान की जीडीपी भारत की जीडीपी के दोगुना है और ह्यूमन डेनेलपमेंट इंडेक्स में जापान 0.915 के साथ 19वें स्थान पर है. वहीं भारत 0.667 के साथ 129वें स्थान पर है.