नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि की शिकायत मामले में उनकी तरफ से दिल्ली की एक अदालत में एक गवाह पेश की गई. जिसमें कहा गया कि उसके साथ काम करने वाले किसी भी सहकर्मी ने पूर्व संपादक की तरफ से अनुचित बर्ताव का संकेत नहीं दिया था, जैसा कि पत्रकार प्रिया रमानी ने आरोप लगाया है.
आपको बता दें कि रमानी ने 'मी टू' अभियान के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री अकबर पर यौन कदाचार का आरोप लगाया था.
अकबर के संपादक रहते 'द एशियन एज में ज्योतिष और टैरो कार्ड (भविष्य बताने वाला कार्ड) से संबंधित स्तंभ लिखने वाली वीनू संदल ने अदालत से कहा, 'मेरे किसी भी सहकर्मी ने मुझे एकबार भी अकबर के किसी भी अनुचित व्यवहार के बारे में न तो बताया और न ही संकेत दिया.'
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शिकायतकर्ता के गवाह के तौर पर उपस्थित संदल ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल से कहा, 'रमानी ने अकबर के खिलाफ जो आरोप लगाए हैं, उससे मिलती-जुलती दूर-दूर तक कोई बात नहीं थी.'
संदल से जिरह आज पूरी हो गई. उन्होंने अदालत से कहा कि रमानी के आरोपों ने अकबर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है और जो लोग अकबर से उनके तालुक्कात को जानते हैं, वे मामले के बारे में विभिन्न तरह के सवाल पूछ रहे हैं.