रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से उपलब्ध कराया गया 23 मई तक का डेटा कहता है कि प्रदेश में एक लाख 53 हजार से ज्यादा श्रमिक सकुशल लौटे हैं. लेकिन अपने घर लौटने के बाद ये मजदूर कितने कुशल हैं, इसका डेटा किसी के पास नहीं और शायद मिलेगा भी या नहीं.
छत्तीसगढ़ : क्वारंटाइन सेंटरों में 10 से ज्यादा मजदूरों की मौत
दूसरे राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिक लगातार लौट रहें हैं. इन मजदूरों को सरकार की मदद से उनके गृह जिलों के क्वारंटाइन सेंटरों में रखा जा रहा है, लेकिन इन क्वारंटाइन सेंटरों में मजदूरों की संदिग्ध मौत के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...
आंकड़े कहते हैं कि 2 लाख 72 हजार 152 श्रमिकों ने वापसी का पंजीयन कराया है और छत्तीसगढ़ राज्य के भीतर अन्य जिलों में फंसे 13 हजार 237 श्रमिकों को सकुशल उनके गृह जिलों में भिजवाया गया है. लेकिन क्वारंटाइन सेंटर से आती तस्वीरों और खबरों ने कई सवाल खड़े किए हैं. प्रदेश के कई जिलों के क्वारंटाइन सेंटरों से अव्यवस्था की खबरें आ रही हैं. वहीं पिछले दो हफ्तों में 10 से ज्यादा प्रवासी मजदूर काल के गाल में समा गए हैं.
- 14 मई को रायगढ़ के सारंगढ़ के अमलीपाली में क्वारंटाइन में रह रहे युवक ने खुदकुशी कर ली थी. युवक ने तेलंगाना से लौटने के बाद फांसी लगाकर जान दे दी थी.
- बालोद जिले में तीन मौतें क्वारंटाइन सेंटर में हुई हैं. 20 साल की युवती की क्वारंटाइन सेंटर में तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई थी. युवती को डौंडी क्षेत्र के पचेड़ा गांव में क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था.
- बालोद के अर्जुंदा थाना क्षेत्र स्थित परसवानी गांव के क्वारंटाइन सेंटर में 19 मई को 27 साल के युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. वह 18 मई को सूरत से अपने गांव परसवानी लौटा था.
- लोहोरा विकासखंड के क्वारंटाइन सेंटर में सांप काटने से मजदूर की मौत हो गई थी.
- बेमेतरा में 21 मई को ग्राम पंचायत सेमरिया के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में एक मजदूर की मौत हो गई थी, स्वास्थ्य विभाग ने मृतक का सैंपल लेकर जांच के लिए रायपुर AIIMS भेजा था.
- 21 मई को जांजगीर-चांपा जिले के मुलमुला के क्वारंटाइन सेंटर में मजदूर की मौत हो गई थी.
- 21 मई को राजनांदगांव में सांप काटने से सीताकसा क्वारंटाइन सेंटर में मजदूर की मौत हो गई थी.
- 23 मई को मुंगेली ब्लॉक के छीतापुर क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे एक बीमार प्रवासी मजदूर की शनिवार को मौत हो गई थी. उसकी भी तबीयत खराब चल रही थी. मुंगेली में दो मजदूरों की मौत क्वॉरेंटाइन सेंटर में हुई.
- 25 मई को अंबिकापुर के आइसोलेशन वार्ड में एक युवक ने आत्महत्या कर ली थी.
- राजनांदगांव में 26 मई को अचानक तबीयत बिगड़ने से मजदूर की मौत हो गई. बहन धूप में घंटों शव के पोस्टमार्टम का इंतजार करती रही.
- 27 मई को गौरेला के टीकरकला के क्वॉरेंटाइन सेंटर में 18 महीने की बच्ची की मौत हो गई है. 4 दिन पहले बच्ची का पिता रेड जोन से लौटा था और लौटते ही घर पहुंच गया था. गांववालों के डांटने के बाद पिता और बच्ची दोनों क्वारंटाइन सेंटर गए, लेकिन बच्ची की मौत हो गई.
- बिलासपुर जिले में दो मजदूरों की मौत हुई. दोनों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है.
- 28 मई को भी बालोद में 4 महीने के बच्चे की जिला अस्पताल में मौत हो गई. बुधवार रात क्वारंटाइन सेंटर से जिला अस्पताल रेफर किया गया था. करीब एक सप्ताह पहले ही मासूम के परिजन महाराष्ट्र से लौटे थे.
- गरियाबंद के क्वारंटाइन सेंटर में गर्भवती महिला की मौत हो गई.
घर नहीं पहुंचे और मौत ने बुला लिया
बुधवार यानी 27 मई को रायपुर में प्रवासी मजदूर की मौत हो गई. मजदूर पश्चिम बंगाल का रहने वाला था. श्रमिक का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है. इसके साथ ही दुर्ग के चरोदा में मृत मजदूर की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई. वो लिफ्ट लेकर मुंबई से पश्चिम बंगाल जा रहा था. महासमुंद में भी यात्रा के दौरान दो मजदूरों की मौत हुई. कोरिया में दो मजदूर मालगाड़ी की चपेट में आ गए थे. दोनों के पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को 24 घंटे इंतजार करना पड़ा था.