जयपुर : राजस्थान के धौलपुर जिले के नोनेरा गांव में फर्रुखाबाद से घर लौटे एक मजदूर की मौत हो गई. अब मृतक के परिवार के सामने रोटी का संकट खड़ा हो गया है. अब मृतक मजदूर की पत्नी को अपनी छह बेटियों का पेट भरने और उनके परवरिश की चिंता सता रही है.
कोरोना महामारी मजदूर वर्ग के लिए त्रासदी बन कर आई है. जिस दिन से देश में लॉकडाउन किया गया, उसी दिन से देश के बड़े-बड़े शहरों में काम कर रहे मजदूरों ने अपने गांव और घरों की तरफ पलायन शुरू कर दिया. बच्चे और परिवारों को साथ लेकर मजदूर अपने घर की ओर निकल पड़े. इसी दौरान कई मजदूर हादसों का शिकार हो गए. मजदूरों की दुर्दशा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुई. प्रवासी मजदूरों को लेकर देश में जमकर सियासत हुई लेकिन ग्राउंड स्तर पर मजदूरों को राहत और मदद देने नहीं मिल रही.
ऐसा ही एक मामला धौलपुर जिले के बसेड़ी उपखंड इलाके का सामने आया है. गांव नोनेरा निवासी मजदूर राजेश शर्मा फर्रुखाबाद में पत्थर के काम पर मजदूरी का काम करता था लेकिन काम बंद होने से उसे शहर से पलायन करना पड़ा. वह अपनी पत्नी और 6 बच्चियों सहित घर रवाना हुआ. जिसके बाद गांव पहुंचने पर राजेश की तबीयत खराब हो गई. उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां आधी ड्रिप लगने के बाद मजदूर की मौत हो गई.
अब मजदूर के परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. मृतक की पत्नी अपनी छह बच्चियों की परवरिश को लेकर चिंतित है. वहीं घर में खाने के लिए दाना नहीं है. इस परिवार की कुछ दिनों तक पड़ोसियों ने मदद की लेकिन मजदूर की पत्नी सुनिता प्रशासन ने मदद की गुहार लगा रही है. सुनिता का कहना है कि साहब भूखे मरने की नौबत आ गई. छोटी-छोटी 6 बच्चियों की चिंता सता रही है, आगे कैसे परिवार का गुजारा होगा.
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