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लॉकडाउन बना मजाक : बंगाल में होते रहे धर्मिक आयोजन, केंद्र ने मांगा जवाब

भारत में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है. वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणी की गई है. इस बीच पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन के उल्लंघन को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय एतराज जताया है और राज्य सरकार इस संदर्भ में जवाब मांगा है.

violation of lockdown in West Bengal
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Published : Apr 11, 2020, 6:50 PM IST

Updated : Apr 11, 2020, 7:24 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में 'क्रमिक छूट' दिए जाने पर आपत्ति जताई है और कहा कि राज्य में गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुलने दी गईं तथा पुलिस ने धार्मिक कार्यक्रमों की भी इजाजत दी. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भेजे पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि सब्जी, मछली और मांस बाजारों में कोई नियंत्रण नहीं है. इसको लेकर गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा है.

इस पत्र में कहा गया है कि 'सुरक्षा एजेंसियों को मिली रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में क्रमिक छूट दर्ज की गई है. राज्य सरकार द्वारा जिन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को छूट दी गई है, उनकी संख्या बढ़ी है.'

महत्वपूर्ण बात यह है कि नारकेल डांगा जैसे स्थानों पर कोविड-19 जैसे मामले कथित तौर पर अधिक नजर आए हैं. पत्र में कहा गया है कि 'यह भी सामने आया है कि पुलिस धार्मिक कार्यक्रमों की इजाजत देती रही है. मुफ्त राशन संस्थागत आपूर्ति प्रणाली के माध्यम से नहीं बांटे जा रहे, बल्कि नेताओं द्वारा बांटे जा रहे. हो सकता है कि इसकी वजह से कोविड-19 संक्रमण बढ़ा हो.'

इस पत्र के अनुसार गैर-जरूरी चीजों की दुकानें खुलने दी जा रही हैं. मंत्रालय ने कहा कि कोलकाता में राजबाजार, नारकेल डांगा, टोपसिया, मेतियाबुर्ज, गार्डेनरीच, इकबालपुर और मुनिकटला जैसे स्थानों पर सब्जी, मछली और मांस बाजारों में कोई नियंत्रण नहीं है और वहां लोग आपस में दूरी बना कर रखने के नियमों को धत्ता बताते हुए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.

मंत्रालय ने कहा कि ऐसी गतिविधियां केंद्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत समय-समय पर जारी किए गए आदेशों के विरुद्ध हैं और यह इस कानून के तहत कार्रवाई किए जाने लायक हैं.

पत्र में कहा गया है कि 'ऐसे में यह अनुरोध किया जाता है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए और मंत्रालय को इस बारे में शीघ्र ही रिपोर्ट दी जाए. यह अनुरोध भी किया जाता है कि भविष्य में ऐसे उल्लंघनों की पुनरावृति रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं.'

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Last Updated : Apr 11, 2020, 7:24 PM IST

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