नई दिल्लीः असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) की सूची शनिवार (31 अगस्त) को प्रकाशित होने वाली है. इस संबंध में गृह मंत्रालय ने असम के लोगों से आग्रह किया है कि एनआरसी प्रकाशन से संबंधित अफवाहों पर ध्यान न दें.
गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि एनआरसी में किसी व्यक्ति का नाम शामिल न होने से अप्रवासी नहीं हो जाएगा. गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यदि किसी व्यक्ति का नाम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची में नहीं आता है, तो वह विदेश न्यायाधिकरण में अपील कर सकता है.
शनिवार को एनआरसी की अंतिम सूची आने से पहले असम सरकार ने पूरे राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए है. इस मुद्दे पर गृह मंत्रालय लगातार राज्य सरकार से मौजूदा हालत के बारे में जानकारी ले रही है और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे सुरक्षा के इंतजामों की समीक्षा कर रहा है.
आशंका है कि एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन के बाद नाम न आने पर लोग विरोध स्वरूप राज्य में आन्दोलन कर सकते हैं.
पढ़ेंः बिंदुवार समझें क्या है NRC और क्यों है इस पर विवाद
एनआरसी असम में रहने वाले नागरिकों की एक सूची है और वर्तमान में राज्य के भीतर बोनाफाइड नागरिकों को बनाए रखने और बांग्लादेश से अवैध रूप से आए लोगों को बाहर निकालने के लिए अंतिम सूची तैयार की जा रही है. गौरतलब है कि असम मे 1951 के बाद पहली बार नागरिकता की पहचान की जा रही है और एनआरसी की अंतिम सूची कोर्ट की निगरानी में बन रही है.
असम के नेताओं ने एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन से पहले अपनी प्रतिक्रिया दी है.
ऑल असम माइनॉरिटीज स्टूडेंट्स यूनियन (AAMSU) ने कहा कि असम के लोगों के सभी दस्तावेज जमा करने के बावजूद अगर किसी का नाम एनआरसी की अन्तिम सूची नहीं आता है तो हम एनआरसी प्राधिकरण का विरोध करेंगे.
कृषक मुक्ति संग्राम समिति के सलाहकार अखिल गोगोई ने एनआरसी के खिलाफ पर बीजेपी और आरएसएस पर 'साजिश' रचने का आरोप लगाया है.
असम के भाजपा प्रमुख रंजीत कुमार दास ने कहा कि उनकी पार्टी उन सभी भारतीय नागरिकों के साथ खड़ी है, जिनका नाम एनआरसी की अन्तिम सूची में नहीं आता है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय नागरिक की रक्षा करने हमारा कर्तव्य है और यह हमारी जिम्मेदारी भी है.