नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों आदि को उनके गृह राज्य में जाने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी है. गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान अंतरराज्यीय परिवहन की छूट के संबंध में बुधवार को आदेश जारी किया है. यह आदेश गृह सचिव ने आपदा प्रबंधन एक्ट के अधिकारों का प्रयोग करते हुए जारी किया है. राज्यों से बाहर से आने वालों लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण से लेकर क्वारंटाइन आदि को लेकर सख्त निर्देश जारी किए गए हैं.
नेशनल एक्जिक्यूटिव कमेटी के चेयरमैन के तौर पर गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, पर्यटक, छात्र और अन्य व्यक्ति अलग-अलग जगहों पर फंसे हैं. ऐसे में उन्हें शर्तों के साथ जाने की अनुमति होगी.
इस मामले पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'आज गृहमंत्री ने अंतरराज्यीय वाहनों के आवागमन की जो अनुमति दी उससे सबसे ज्यादा खुश प्रवासी मजदूर हैं पर यह लोग घर वापस जाएंगे कैसे? मेरी केंद्र और राज्य सरकारों से गुजारिश है कि इन लोगों को एक योजना बनाकर बसों, रेलगाड़ियों और अन्य वाहनों की मदद से इनके घर पहुंचाया जाए. इसलिए हमने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक प्रस्ताव दिया था कि मजदूरों को मुफ्त में अपने घर पहुंचा देना चाहिए.'
लॉकडाउन में फंसे लोगों के अंतरराज्यीय परिवहन के लिए सभी राज्य नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करेंगे. राज्यों को अपने लोगों को लाने और दूसरे राज्यों के लोगों को भेजने के लिए उचित प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. एक दूसरे के राज्यों में समूह में फंसे लोगों को लाने और ले जाने के लिए राज्य आपस में चर्चा कर उचित व्यवस्था बनाएंगे.