नई दिल्ली : हरियाणा चुनाव का असर दिल्ली में भी पड़ सकता है. कांग्रेस ने जिस तरीके से यहां वापसी की है, इसे लेकर दिल्ली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह है. राजनीतिक विश्लेषकों का आकलन है कि दिल्ली में भी कांग्रेस अच्छा कर सकती है. हालांकि, कांग्रेस का मजबूत होना, आम आदमी पार्टी (आप) के लिए खतरे की घंटी हो सकती है.
इसकी मुख्य वजह है AAP द्वारा कांग्रेस के वोट बैंक में सेंधमारी. दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को भले ही ज्यादा सीटें ( सिर्फ 3 ) नहीं मिली थीं, लेकिन उसका वोट प्रतिशत कम नहीं हुआ था. बीजेपी के परम्परागत वोटरों ने उसका साथ दिया था. AAP को 70 में से 67 सीटें मिली थीं. यानी कांग्रेस का वोट बैंक 'आप' में शिफ्ट हो गया था.
परम्परागत रूप से कांग्रेस 20 फीसदी पूर्वांचली और 14 फीसदी अल्पसंख्यक मतदाताओं पर निर्भर हुआ करती थी. लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में इन दोनों समुदायों ने उसका साथ छोड़ दिया और 'आप' का साथ दिया था.