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अमरनाथ यात्रियों को मिली सलाह के बाद महबूबा मुफ्ती की प्रतिक्रिया

जम्मू-कश्मीर के प्रधान गृह सचिव ने अमरनाथ यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं को आतंकी घटना होने की आशंका होने के कारण वापस लौटने की सलाह दी है. बता दें कि अमरनाथ यात्रा मार्ग पर सेना को हथियार मिले हैं. इस पूरे प्रकरण पर महबूबा मुफ्ती ने प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने केंद्र को निशाना बनाया है. पढ़ें पूरी खबर...

महबूबा मुफ्ती

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Published : Aug 2, 2019, 10:51 PM IST

श्रीनगरःकेंद्र सरकार ने अमरनाथ यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं से यात्रा रोकने की अपील की है. श्रद्धालुओं को सुझाव दिया गया है कि वह वापस लौट जाएं. क्योंकि घाटी में आतंकी घटना होने की आशंका है. सेना के अधिकारी ने कहा कि अमरनाथ यात्रा मार्ग पर सेना को भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा मिला है. इसमें अमेरिकी एम-24 स्नाइपर राइफल भी शामिल है.

महबूबा मुफ्ती का बयान

केंद्र के निर्णय पर जम्मू-कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'श्रीनगर की सड़कों पर अफरातफरी का माहौल है. लोग एटीएम, पाट्रोल पंपों की तरफ भाग रहे हैं और जरूरत का सामान इकठ्ठा कर रहे हैं. क्या भारत सरकार सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा के लिए चिंतित है और कश्मीरियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है?'

महबूबा मुफ्ती का ट्विटर पोस्ट

अपनें ट्वीटर पोस्ट पर अपने पिता को याद करते हुए वह लिखती हैं 'मुफ्ती साहब हमेशा कहा करते थे कि कश्मीरियों को जो भी मिलेगा उनके अपने देश भारत से मिलेगा. लेकिन आज वही देश उनकी विषेश पहचान को बचाने के लिए जो भी कुछ बचा है उसको लूटने की तैयारी कर रहा है.'

सरकार पर तंज कसते हुए मुफ्ती लिखती हैं, आप एक भी मुस्लिम बहुल्य राज्य का प्यार नहीं जीत पाए. उन्होंने धर्म के नाम पर बांटे जाने के बजाय धर्मनिरपेक्ष भारत को चुना. सरकार ने साफ कर दिया है कि उसने लोगों की जगह क्षेत्र चुना है.

महबूबा मुफ्ती का ट्विटर पोस्ट

पढ़ें-अमरनाथ यात्रा पर आतंकी साया, श्रद्धालुओं को J-K से लौटने का सुझाव

मुफ्ती कहती हैं, देश की अर्थव्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है और मैं उम्मीद करती हूं कि सरकार कश्मीर को वास्तविक मुद्दों से जनता को भटकाने के लिए इस्तेमाल नहीं कर रही हो. क्योंकि इस कदम के भयावह परिणाम होंगे.

सरकार पर कश्मीर के प्रति बेरुखी का आरोप लगाते हुए वह लिखती हैं, जिस राज्य को देश का मुकुट कहा जाता है उस राज्य के लोगों के साथ बेपरवाह और कठोर व्यवहार चिंताजनक है. आदर्श रूप से किसी प्रकार से स्पष्टीकरण जारी किया जाना चाहिए था. इसके बजाय गलत सूचना का अभियान चलाया जा रहा है जिससे कश्मीर में एक असहज शांति बनी हुई है.

महबूबा मुफ्ती का ट्विटर पोस्ट

इस तरह की खबरों से दहशत और संकट पैदा होगा. अभी तक भारत सरकार ने बार-बार सैन्य शक्ति और मांसिक युद्ध का उपयोग किया पर यह काम नहीं करेगा.

35A पर बोलते हुए मुफ्ती ने बताया कि, जम्मू बार काउंसिल ने दो वरिष्ठ सदस्यों को कराण बताओ नोटिस जारी किया है और उनको राष्ट्र विरोधी बताया क्योंकि उन्होंने 35A का समर्थन किया था. क्या हमारे पूर्वजों को भी राष्ट्र विरोधी कहा जाएगा जिन्होंने भारतीय संविधान के दायरे में जम्मू-कश्मीर को खास दर्जा दिलाया था?

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