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कांग्रेस बोली- सरकार का नेताओं को जम्मू-कश्मीर जाने से रोकना गलत - कश्मीर में हालात

सुप्रीम कोर्ट ने गुलाम नबी आजाद को कश्मीर जाने की अनुमति दे दी है. ऐसे में कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट भी अब घाटी का हाल जानना चाहती है.

मीम अफजल.

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Published : Sep 16, 2019, 8:53 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 9:16 PM IST

नई दिल्ली: आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने गुलाम नबी आजाद की मनोकामना पूरी कर दी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब आजाद कश्मीर घाटी जा सकते हैं, लेकिन इस हिदायत का पालन करते हुए एक राजनेता के रूप में वहां कोई राजनीतिक कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे.

आजाद को इससे पहले तीन बार श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस आना पड़ा था. सरकार ने बड़ी घाटी में जाने की इजाजत नहीं दी थी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने कहा है यह साबित हो गया कि नेताओं को घाटी में जाने से रोकने का सरकार का फैसला गलत था.

मीम अफजल से ईटीवी भारत की बातचीत.

मीम अफजल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा गुलाम नबी आजाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष फ्री कश्मीर से आते हैं. ऐसे में कश्मीर जाने से रोकने का सरकार का फैसला गलत था. मीम अफजल ने कहा जिस तरह से सरकार ने जल्दबाजी में कानून पारित करा लिया वह गलत था और हमारा विरोध इसी को लेकर था.

मीम अफजल ने कहा सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से यह साबित हो गया कि सरकार गलत थी, जो राजनेताओं को कश्मीर जाने का इजाजत नहीं दे रही थी. मीम अफजल ने कहा हम इस पूरे मामले में सरकार की मदद करना चाहते थे, लेकिन सरकार की नीयत इसे लेकर ठीक नहीं थी. कांग्रेस या पार्टी के नेता या गुलाम नबी आजाद कोई भी वहां राजनीतिक रैली नहीं करना चाहता.

आगे वे कहते हैं कि उन्होंने पहले ही साफ कर दिया था कि हम कश्मीर में कोई जलसा नहीं करेंगे. बावजूद इसके उन्हें कश्मीर जाने से रोका जा रहा था. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गुलाम नबी आजाद घाटी के हालात को समझ पाएंगे.

दिलचस्प है कि सुप्रीम कोर्ट ने अब खुद कश्मीर के हालात जानने की इच्छा जाहिर की है. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि लोग कश्मीर हाई कोर्ट में हलफनामा न दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट आते हैं. इस लिहाज से जरूरी लगता है कि हम खुद जाकर कश्मीर के हालात देखें.

मीम अफजल सुप्रीम कोर्ट के इस बयान का स्वागत करते हुए कहते हैं. विपक्ष के कई नेताओं की पिटीशन के बाद सुप्रीम कोर्ट ने महसूस किया कि वह कश्मीर के हालात का खुद मुआयना करें. साफ है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है.

Last Updated : Sep 30, 2019, 9:16 PM IST

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