बेंगलुरु: पहले की तुलना में वर्तमान में अधिकांश लोग शिक्षित हैं और हर एक ग्रेजुएशन तक अध्ययन करना चाहता है, लेकिन समस्या रोजगार को लेकर है. हमारे आस-पास अधिकांश लोग कठिन अध्ययन करते हैं और नौकरी पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. उनमें से कुछ लोग अच्छी जॉब पा लेते हैं, जबकि कुछ लोगों को जॉब नहीं मिल पाती.
ऐसे में, जो लोग मानसिक रूप से मजबूत नहीं होते वो कभी-कभी नौकरी न मिलने के कारण सुसाइड कर लेते हैं, जबकि उनमें से कुछ लोग नौकरी नहीं मिलने के बावजूद बार-बार नौकरी के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे एक शख्स के बारे में, जिसने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उसके बाद उसने बार बार नौकरी के लिए आवेदन किया, लेकिन हर बार उसके हाथ निराशा ही लगी. उसने हार नहीं मानी और अब खुद की अपनी कंपनी स्थापित कर डाली.
हम बात कर रहे हैं कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के पुटुरु तालुक के एक छोटे से मडावी गांव में रहने वाले श्रीकृष्ण की, जिन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में अपनी शिक्षा पूरी की और जॉब्स की खोज में कई शहरों में घूमे.
बार-बार नौकरी तलाश करने के बाद भी उन्हें कोई सफलता नहीं मिली. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
इस दौरान उन्होंने एक नया व्यवसाय स्थापित करने के बारे में विचार किया, जो दृढ़ हो और आत्म-निर्भर हो. तभी उनके दिमाग में एरेका लीफ की प्लेट्स बनाने की फैक्ट्री स्थापित करने का आइडिया आया.
जब श्रीकृष्ण ने अपने गांव में एरेका लीफ की फैक्ट्री शुरू की, तो उन्होंने बाजार में ऑर्डर की कमी का सामना किया. क्योंकि उस समय एरेका लीफ प्लेट्स के कारखानों की संख्या पहले से ही बड़ी तादाद में मौजूद थीं.