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चीन का कोई भी दावा अब स्वीकार नहीं किया जाएगा : विदेश मंत्रालय

गलवान घाटी क्षेत्र की घटनाओं पर चीनी प्रवक्ता के बयान पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि पूर्वी लद्दाख के गलवान क्षेत्र के संबंध में स्थिति ऐतिहासिक रूप से स्पष्ट है.

विदेश मंत्रालय
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Published : Jun 20, 2020, 6:59 PM IST

Updated : Jun 21, 2020, 8:29 AM IST

नई दिल्ली : गलवान घाटी क्षेत्र की घटनाओं पर चीनी प्रवक्ता के बयान पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि पूर्वी लद्दाख के गलवान क्षेत्र के संबंध में स्थिति ऐतिहासिक रूप से स्पष्ट है. विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के संबंध में चीन के किसी भी दावे को अब स्वीकार नहीं किया जाएगा.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सेना ने कभी भी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कोई कार्रवाई नहीं की. सेना बिना किसी घटना के लंबे समय से इस क्षेत्र में गश्त कर रही है. भारत की तरफ से किए जा रहे निर्माण वास्तविक नियंत्रण रेखा की उसकी अपनी सीमा में हैं.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सैनिक गलवान घाटी समेत एलएसी के पास भारत और चीन सीमा पर सभी सेक्टरों से पूरी तरह वाकिफ है.

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'पिछले महीने से ही चीनी सेना भारतीय जवानों की गश्त में बाधा डाल रही है, जिसके चलते दोनों सेनाओं में गतिरोध पैदा हुआ. इसी कारण जमीनी गतिरोध को दूर करने के लिए कमांडरों के स्‍तर पर बातचीत हुई. हम चीन के उन आरोपों को खारिज करते हैं कि भारत एलएसी पर स्थिति को बदल रहा था. दुनिया को यह जान लेना चाहिए कि भारत स्थिति को बनाए हुए है.'

श्रीवास्तव ने कहा कि 'वे यहां ईमानदारी से इसका पालन करते हैं, जैसा वे अन्य कहीं भी करते हैं. भारतीय पक्ष ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार कभी कोई कार्रवाई नहीं की है. बल्कि वे लंबे समय से इस क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं और कोई घटना नहीं घटी.'

चीन के साथ सीमा विवाद के संदर्भ में विदेश मंत्रालय का बयान.

उन्होंने कहा, 'मई 2020 की शुरुआत से चीनी पक्ष इस क्षेत्र में भारत के सामान्य, परंपरागत गश्ती के तरीकों को बाधित कर रहा है. इसके कारण टकराव हुआ जिस पर ग्राउंड कमांडरों ने द्विपक्षीय समझौतों तथा प्रोटोकॉलों के प्रावधानों के अनुसार ध्यान दिया.'

इस बीच वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने शनिवार को यहां कहा कि भारतीय वायु सेना चीन के साथ लगती सीमा पर किसी भी सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए 'पूरी तरह तैयार है' और 'उपयुक्त जगह पर तैनात है.'

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उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना चीन की वायुसेना की क्षमता, उनके हवाई अड्डों, संचालनात्मक अड्डों और क्षेत्र में उनकी तैनाती से पूरी तरह अवगत है. उन्होंने कहा कि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए वायु सेना ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं.

तेलंगाना के डुंडीगल में वायुसेना अकादमी (एएफए) में संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वायुसेना लक्ष्य पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और वह लद्दाख की गलवान घाटी में हमारे शूरवीरों के बलिदान को कभी व्यर्थ नहीं जाने देगी.

Last Updated : Jun 21, 2020, 8:29 AM IST

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