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लद्दाख में चीन की ओर से लेजर हथियारों का प्रयोग नहीं : विदेश मंत्रालय - विदेश मंत्रालय का बयान

भारत ने उन दावों को खारिज कर दिया है कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में दो पहाड़ियों पर कब्जा करने के लिए भारतीय सैनिकों पर लेजर हथियारों का इस्तेमाल किया था.

विदेश मंत्रालय
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Published : Nov 19, 2020, 7:45 PM IST

Updated : Nov 19, 2020, 11:08 PM IST

नई दिल्ली:विदेश मंत्रालय ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध के दौरान चीनी सेना द्वारा भारतीय सैनिकों पर माइक्रोवेव हथियारों का इस्तेमाल करने के दावे को खारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है.

इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में दो पहाड़ियों पर कब्जा करने के लिए भारतीय सैनिकों पर लेजर हथियारों का इस्तेमाल किया था.

विदेश मंत्रालय का बयान

वहीं, जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा फायरिंग करने पर अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि साल 2003 के युद्धविराम समझौते के बावजूद, पाकिस्तान अभी भी घुसपैठियों को सीमा पार से कवर फायर दे रहा है. नियंत्रण रेखा पर तैनात पाकिस्तानी सशस्त्र बलों की भागीदारी के बिना घुसपैठ की ऐसी गतिविधियां संभव नहीं हैं.

वहीं, पाकिस्तान में कुछ आतंकी हमलों में शामिल रहने का आरोप लगाए जाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस बारे में सबूत होने के तथाकथित दावे मनगढ़ंत हैं और इनकी कोई विश्वसनीयता नहीं है.

मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान के जानबूझकर किये जा रहे इस तरह के प्रयासों पर कोई भरोसा नहीं करेगा क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसकी चालों से वाकिफ है और मनगढ़ंत दस्तावेजों तथा झूठे विमर्श को जोड़कर पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित करने के कृत्यों से दोषमुक्त नहीं हो जाएगा.

भारत की इस तीखी प्रतिक्रिया से एक दिन पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और इल्जाम मढ़ा कि पाकिस्तान में हुए कुछ आतंकी हमलों के पीछे भारत का हाथ है.

श्रीवास्तव ने इन आरोपों पर मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि यह भारत-विरोधी दुष्प्रचार की एक और व्यर्थ कवायद है. भारत के खिलाफ सबूत होने के तथाकथित दावों की कोई प्रामाणिकता नहीं है और ये मनगढ़ंत तथा कल्पित हैं.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के जानबूझकर किये जा रहे इस तरह के प्रयासों पर कोई भरोसा नहीं करेगा क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान की चालों से वाकिफ है और उसके आतंकवाद को प्रायोजित करने के सबूत को उसके खुद के नेतृत्व ने कबूल किया है.

श्रीवास्तव ने पाकिस्तान के इस संवाददाता सम्मेलन को पड़ोसी देश की सरकार की आंतरिक राजनीति तथा अर्थव्यवस्था संबंधी नाकामियों से ध्यान हटाने एवं जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन एवं घुसपैठ समेत सीमापार से आतंकवाद को उचित ठहराने की जानबूझकर की गयी कोशिश करार दिया.

श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक आतंक का चेहरा बन गया ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में मिला था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने उसे संसद से शहीद कहकर महिमामंडित किया था। उन्होंने पाकिस्तान में 40,000 आतंकियों की मौजूदगी की बात कबूली थी.

उन्होंने कहा कि उनके विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने बड़े गर्व से पुलवामा आतंकी हमले में उनके प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पाकिस्तान की संलिप्तता और सफलता का दावा किया था जिसमें 40 भारतीय जवान शहीद हो गये थे.

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पिछले महीने पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने नेशनल असेंबली में एक चर्चा के दौरान पुलवामा हमले में अपने देश की संलिप्तता की बात कबूली थी.

श्रीवास्तव ने कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमलों के तार पाकिस्तान से जुड़े मिले हैं. उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान का आह्वान करते हैं कि सीमापार आतंकवाद को अपना समर्थन बंद करे, पाकिस्तान के नेताओं ने कभी इस तथ्य को नहीं छिपाया है कि वह आतंकियों की फैक्ट्री बन गया है.

श्रीवास्तव ने कहा कि हमें विश्वास है कि दुनिया उसे जवाबदेह ठहराएगी.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी ताकतें नियंत्रण रेखा पर अमन चैन बरकरार रखने के लिए 2003 में हुए संघर्ष विराम समझौते का पालन करने के बार-बार आह्वान के बावजूद घुसपैठियों का बचाव करते हुए गोलीबारी करती हैं.

श्रीवास्तव ने कहा कि आतंकवादियों की लगातार घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हथियारों को भेजना लगातार जारी है. एलओसी पर तैनात पाकिस्तानी बलों के समर्थन के बिना इस तरह की गतिविधियां संभव नहीं हैं.

Last Updated : Nov 19, 2020, 11:08 PM IST

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