नई दिल्ली : नैरोबी से संचालित होने वाली केन्याई खाद्य आयात कंपनी, मैग्नम अफ्रीका ने देश के मोस्ट वांटेड भगोड़े टाइगर मेमन को लेकर भारत की खुफिया एजेंसी रॉ की उम्मीदें फिर जगा दी है. टाइगर मेमन 1993 के मुंबई सीरियल (सिलसिलेवार) धमाकों का मास्टरमाइंड है. उपमहाद्वीप में सबसे भयावह हमलों में से एक में 257 लोग मारे गए थे.
पिछले पांच वर्षों से मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल टाइगर मेमन खुफिया एजेंसियों के रडार से दूर रहा है.
पाकिस्तान में मैग्नम अफ्रीका की डील पर नजर रखने से खुलासा हुआ है कि अनाज के व्यापार की आड़ में कंपनी एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग (मादक पदार्थ) तस्करी रैकेट में शामिल है. कागज पर, मैग्नम ने भले ही पाकिस्तान से उच्च गुणवत्ता वाले चावल और अन्य अनाज आयात किए लेकिन इसके असली सौदे मादक पदार्थो से संबंधित थे.
कराची से भारत में तस्करी कर लाई गई 35 किलोग्राम की हेरोइन की डील करते हुए पुलिस ने फरवरी 2020 में अब्दुल मजीद उर्फ मूसा को पकड़ा था.
सीरियल धमाकों के एक आरोपी मूसा को टाइगर मेमन का दाहिना हाथ माना जाता है. मूसा को मुंबई हवाई अड्डे पर तब गिरफ्तार किया गया था, जब वह नैरोबी से दुबई जा रहा था. मूसा से पूछताछ में टाइगर मेमन के ठिकाने के बारे में कुछ जानकारी मिली.
'आतंक के टाइगर' पर इंटेलिजेंस डोसियर में कहा गया है कि 59 वर्षीय टाइगर मेमन ने मुंबई में सीरियल बम धमाकों को अंजाम देने के लिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से मदद मांगी थी.
जहां दाऊद इब्राहिम के कराची के पते के बारे में पता चल गया, वहीं टाइगर मेमन के ठौर-ठिकाने के बारे में किसी को भनक तक नहीं थी.
सीरियल धमाकों के मुख्य अभियोजक उज्जवल निकम कहते हैं, 'हमारे पास कराची में दाऊद इब्राहिम की मौजूदगी को लेकर पर्याप्त सबूत हैं, लेकिन हमें टाइगर मेमन के मामले में बहुत कम जानकारी है, जो मुख्य आरोपी है.'
पिछली बार जब पुलिस ने टाइगर मेमन का पता लगाया था, वह जुलाई 2015 में था. टाइगर ने मुंबई में सीरियल बम धमाकों में अपने छोटे भाई याकूब को फांसी दिए जाने से घंटों पहले मुंबई में अपनी मां को फोन किया था.