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लोगों के मुंह पर दिख रहे मोदी, लालटेन और सुशांत वाले मास्क

कोरोना के बीच विधानसभा चुनाव ने जोर पकड़ लिया है. कोरोना का डर नेताओं को भी है और इस लिहाज से इस बार कुछ नई तरह की प्रचार सामग्री बिक रही हैं. कोरोना से बचाव में मास्क और फेस शील्ड दोनों की भूमिका अहम होती है, लिहाजा इस बार के चुनावी अभियान में मास्क और फेस शील्ड दोनों की बिक्री हो रही है.

मास्क के सहारे चुनाव प्रचार
मास्क के सहारे चुनाव प्रचार

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Published : Oct 24, 2020, 3:18 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना काल में हो रहे चुनाव में इस बार प्रचार के परंपरागत तरीके नहीं दिखाई दे रहे हैं. कोरोना के चलते इस बार चुनाव प्रचार वर्चुअल तरीके से हो रहा है. वहीं पार्टियां कोरोना से बचाव के लिए लगाए जाने वाले मास्क के जरिए भी अपना चुनाव प्रचार कर रही हैं. चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि डोर-टू-डोर चुनाव प्रचार के लिए भी पांच से ज्यादा लोगों को अनुमति नहीं दी जाएगी. चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की सख्त हिदायत दी है. जिसके बाद अब राजनीतिक पार्टियां अपने चुनाव निशान वाले मास्क के जरिए लोगों तक पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं.

बैनर, पोस्टर, झंडा, टोपी की बिक्री ना बराबर

इस बार चुनाव में प्रत्याशियों की फोटो के साथ पार्टी के चुनाव निशान वाले मास्क की बिक्री हो रही है. इस बार कोरोना के चलते वर्चुअल तरीके से चुनाव प्रचार होने और रैलियां और जुलूस नहीं निकलने से बैनर, पोस्टर, झंडा, टोपी जैसे परंपरागत चुनाव सामग्री की बिक्री न के बराबर है, उसकी जगह तरह-तरह के मास्क और डिजिटल चुनाव प्रचार सामग्री ने ले ली है.

लोजपा ने बिहारी फर्स्ट वाले बांटे मास्क

बिहार में चुनावी सरगरमी बढ़ती जा रही है. कोरोना काल के दौरान होने वाले चुनाव में इस बार राजनीतिक दलों के द्वारा बैनर-पोस्टर और टी-शर्ट की जगह मास्क का वितरण किया जा रहा है. चुनाव के तारीखों की घोषणा के पहले ही प्रदेश का सियासी तापमान गरमा चुका है. राजनीतिक दलों के नेता अपना व अपने दल के प्रचार का हर फायदेमंद तरीका आजमा रहे हैं.

मास्क की डिमांड काफी अधिक

राजनीतिक पार्टियां प्रचार- प्रसार में जुट गई हैं. इस बार कोरोना संक्रमण के कारण चुनाव में जहां रैली और प्रचार का तरीका बदल गया है. वहीं इस बार राजनीतिक दलों के पास चुनाव की प्रचार सामग्री भी थोड़ी अलग है, जिसमें मास्क की डिमांड काफी अधिक देखी जा रही है.

मास्क को प्रचार के रूप में कर रहे इस्तेमाल

मास्क केवल कोरोना से बचाव का ही हथियार साबित नहीं हो रहा, बल्कि बिहार चुनाव में मास्क राजनीतिक दलों के लिए काफी फायदेमंद प्रचार सामग्री की भी भूमिका निभा रहा है. बिहार में एनडीए की दलें हों या महागठबंधन की दलें, सभी मास्क को प्रचार सामग्री के रूप में इस्तेमाल करने की तैयारी में हैं. लगभग सभी दल मास्क का आर्डर देने में जुटी हैं.

भाजपा सुशांत की तस्वीरों के साथ

वहीं कई दलों ने अपने पार्टी के चिन्ह को भी मास्क पर छपवाने की तैयारी में हैं. ऐसे डिमांड मास्क बनाने वालों को दिए जा रहे हैं. लोजपा ने इस बार अपने नारों में बिहार व बिहारी के नारे को प्राथमिकता दिया है. बिहारी फर्स्ट वाले मास्क लोजपा के द्वारा बांटे जा रहे हैं. वहीं मास्क को लेकर भाजपा भी अभी चर्चा में है. भाजपा कला संस्कृति प्रकोष्ठ ने सुशांत सिंह राजपूत की फोटो वाले मास्क लोगों में बांटे हैं. जिसको लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है. राजद ने इसे लेकर भाजपा को घेरा है. वहीं भाजपा का कहना है कि सुशांत मामले में भाजपा काफी पहले से अभियान चला रही है, ताकि सुशांत को न्याय मिले.

मास्क का कारोबार तेज और झंडा, टोपी ठप

मास्क केवल कोरोना से बचाव के लिए चुनाव प्रचार के लिए भी सही साबित हो रहा है. चुनाव प्रचार के लिए मास्क और फेस शील्ड पर ही जोर दिया जा रहा है. मास्क का कारोबार तेजी से चल रहा है. वहीं बैनर, पोस्टर, झंडा, टोपी जैसे परंपरागत चुनाव सामग्री की बिक्री का कारोबार ठप पड़ा है.

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