दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

शहीद हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार - सांसद अजय भट्ट ने दी श्रद्धांजलि

राजेंद्र सिंह नेगी जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में तैनात थे. पाकिस्तान बॉर्डर पर गश्त करते हुए उनका पैर फिसल गया था और वो खाई में गिर गए थे. करीब आठ महीने बाद उनका पार्थिव शरीर मिल सका.

अंतिम संस्कार
अंतिम संस्कार

By

Published : Aug 20, 2020, 8:03 PM IST

हरिद्वार/हल्द्वानी: उत्तराखंड के खड़खड़ी श्मशान घाट पर आज शहीद हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया, जहां पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में उन्हें अंतिम विदाई दी गई. सांसद अजय भट्ट ने भी शहीद राजेंद्र सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की है. इससे पहले शहीद का पार्थिव शरीर देहरादून से सेना के वाहन में हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट लाया गया था.

बता दें कि सांसद अजय भट्ट ने बीती चार फरवरी को संसद में महत्व अविलंबनीय मुद्दों के अंतर्गत गढ़वाल राइफल्स के हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी के गुलमर्ग से ड्यूटी के दौरान अचानक लापता होने का मुद्दा उठाया था. साथ ही उन्होंने इस मसले पर सेना अध्यक्ष से भी वर्ता की थी. सांसद अजय भट्ट ने शहीद परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की. उन्होंने कहा कि ये देश के लिए अपूरणीय क्षति. उत्तराखंड प्रदेश वीरों का प्रदेश है यहां के कण-कण में देशभक्ति रचती और बसती हैं.

शहीद हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी का अंतिम संस्कार

वहीं, अंतिम संस्कार के दौरान शहीद के छोटे भाई अवतार सिंह ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनका भाई देश के लिए शहीद हुआ है. भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें. उन्हें तसल्ली है कि उनके भाई का पार्थिव शरीर मिल गया. इसके लिए वह सेना का बहुत धन्यवाद करते हैं. बेटे का अंतिम संस्कार करने के बाद पिता की आंखें भी नम हो गईं थीं. पिता ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है. उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है.

इससे पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत भी शहीद हुए राजेंद्र सिंह नेगी को श्रद्धांजलि देने देहरादून अंबीवाला स्थित उनके आवास पर पहुंचे थे. सीएम ने शहीद की पत्नी को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी देने का एलान किया है.

पढ़ें - देश में मिजोरम के पुरुषों में कैंसर के अधिक मामले : रिपोर्ट

राजेंद्र सिंह नेगी का पार्थिव शरीर विशेष विमान से श्रीनगर से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया था. वहां से देहरादून मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया और फिर अंबीवाला स्थित आवास पर आखिरी दर्शनों के लिये उनके पार्थिव शरीर को रखा गया था.

बता दें कि, 8 जनवरी 2020 को ड्यूटी के दौरान एवलॉन्च आने से वह फिसलकर पाकिस्तान की सीमा की तरफ गिर गए थे. सेना ने काफी दिनों तक रेस्क्यू किया लेकिन उनका पता नहीं चल पाया था. 21 मई को सेना ने उन्हें बैटल कैजुअल्टी मानते हुए शहीद घोषित कर दिया था. आठ माह बाद 15 अगस्त को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उनका शव बरामद किया था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details