वाशिंगटन : इस साल प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र पदक से 119 सैन्यकर्मियों को सम्मानित किया जाना है. उन्ही में से एक है भारतीय शांतिरक्षक जितेंद्र कुमार जिन्हें उनके साहस एवं बलिदान के लिए मरणोपरांत इस साल प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित किया जाएगा.
पुलिस अधिकारी जितेंद्र कुमार ने 'यूएन ऑर्गेनाइजेशन स्टेबलाइजेशन मिशन इन डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ द कांगो' (MONUSCO) में सेवाएं देते समय अपनी जान कुर्बान कर दी.
उन्हें शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक अंतरराष्ट्रीय दिवस पर डैग हैमरस्क्जोल्ड पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
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संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन यहां एक कार्यक्रम में जितेंद्र की ओर से पदक ग्रहण करेंगे. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस करेंगे.
एक वीडियो संदेश में महासचिव ने कहा कि यह दिन उन एक लाख से अधिक पुरुषों और महिलाओं को सम्मानित करता है जिन्होंने 1948 में संयुक्त राष्ट्र के पहले मिशन के बाद से संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षक के रूप में काम किया है.
उन्होंने कहा कि 'हमें याद है कि 3,800 से अधिक कर्मियों ने इसमें अपनी जान गवांई थी और हम दुनिया भर में तैनात 100,000 नागरिकों, पुलिस और सैन्य शांति सैनिकों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं जो वर्तमान में शांति रक्षक के रूप में काम कर रहें है.'
भारत संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा के लिए वर्दीधारी जवानों का योगदान देने के मामले में चौथी संख्या पर है.
संयुक्त राष्ट्र की पिछले साल जारी सूचना के अनुसार भारत ने पिछले 70 वर्षों में विभिन्न शांतिरक्षा अभियानों में तैनात अपने सर्वाधिक शांतिरक्षक खोए हैं. देश के 163 सैन्य, पुलिस एवं असैन्य कर्मियों ने अपने कर्तव्य का पालन करने हुए जान कुर्बान की है.