श्रीनगर : एक ओर दूर दराज के गांवों के विकास के लिए डीडीसी चुनाव और पंचायत चुनाव शुरू किए गए हैं और सरकार द्वारा पंचों और सरपंचों को अधिक अधिकार दिए जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ इन पंचों और सरपंचों द्वारा गरीब वर्ग के लोगों को लूटा जा रहा है. इस कारण यह गरीब लोग सड़कों पर भीख मांगने के लिए मजबूर हो गए हैं.
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले के मस्तपुरा इलाके में लगभग 200 टोलों की एक बस्ती में रहने वाले कम से कम 30 परिवारों ने आरोप लगाया है कि गांव के सरपंच पर प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर पैसे लेने का आरोप लगाया है.
स्थानीय लोगों के अनुसार सरपंच ने 30 से अधिक गरीब लोगों से यह कहते हुए लाखों रुपये वसूले कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत घर बनाने के लिए पैसे मिलेंगे.
हालांकि, अभी तक उन्हें न तो घर और न ही शौचालय बनाने के लिए कोई पैसा मिला है.
एक स्थानीय गुलाम मोहम्मद ने कहा कि 'सरपंच ने मुझसे 21,000 रुपये लिए और कहा कि यह पैसा डिप्टी कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर के क्लर्क को दिया जाएगा ताकि वो आपकी PMAY के तहत घर देने को मंजूरी दें. इसके बाद उन्होंने सरंपच को इसके लिए भुगतान किया, लेकिन एक वर्ष के बाद उन्हें एक पैसा नहीं मिला है.'
पढे़ं -कश्मीर से आगरा का बरसों पुराना नाता, 'प्रेम नगरी' में 'जन्नत' की मिट्टी
वहां एक अन्य निवासी रियाज अहमद का कहना है कि सरंपच ने मकान दिलाने के नाम पर गांव वालों से दो दो हजार रुपये लिए.
इनके अलाावा भी कई और ऐसे परिवार हैं , जिन्हें इस योजना के तहत लूटा गया है और ये गरीब लोग अब सरकार से पूछ रहे हैं कि क्या गरीब लोग इस योजना के पात्र नहीं हैं. उन्हें योजना का पैसा नहीं तो कम से कम अपना पैसा ही वापस मिल जाए, जो उनसे धोखे से लिया गया था.
इस संबंध में खंड विकास अधिकारी ने फोन पर कहा कि हम मामले की जांच करेंगे और जो भी इसमें शामिल पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.