देहरादून: उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार का गाय प्रेम किसी से छिपा नहीं है. यही कारण है कि उत्तराखंड विधानसभा में पिछले साल सितंबर में गाय को 'राष्ट्रमाता' का दर्जा देने वाला प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया था. इस प्रस्ताव के पास होने के बाद राज्य सरकार और पशुपालन मंत्री रेखा आर्य ने खूब वाहवाही बटोरी थी. लेकिन ताज्जूब की बात ये है कि उसी विधानसभा से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर केदारपुरम में स्थित कांजी हाउस में जुलाई महीन में 105 गायों की मौत हो गई और सरकार को इसकी खबर तक नहीं है.
उत्तराखंड सरकार गौ संरक्षण एवं सवंर्धन की बड़ी-बड़ी बातें तो लगातार कर रही है, लेकिन कांजी हाउस में बंद गायों की हालत इतनी बद्दतर हो गई है कि देख-रेख के अभाव में लगातार इनकी मौत हो रही है. कांजी हाउस में बंद गायों की दुर्दशा देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां किस तरह से गायों का रख-रखाव किया जा रहा है. देहरादून के केदारपुरम में बने कांजी हाउस की हालत इतनी बदतर है कि मरी हुई गायों को कौए खा रहे हैं. बाकी जो गाय हैं वो मरणासन्न हालत में हैं.
कांजी हाउस में गायों को स्थिति देखकर किसी को भी दया आ जाए. जिन गायों की सेवा के लिए डॉक्टर और कर्मचारियों को तैनात किया गया है कि वो तिल-तिल कर दम तोड़ रही हैं. इस वक्त कांजी हाउस में 435 गाय मौजूद हैं. जिनके खाने पीने का इंतजाम करने के अलावा अन्य सुविधा मुहैया कराने का जिम्मा पशु विभाग के पास है.