नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम के जरिए राष्ट्र को संबोधित किया. रेडियो कार्यक्रम मन की बात का आज 66वां एपिसोड है.
जाने पीएम मोदी के संबोधन के मुख्य बिंदु
- लॉकडाउन से ज्यादा सतर्कता हमें अनलॉक के दौरान बरतनी है. इस बात को हमेशा याद रखिए कि अगर आप मास्क नहीं पहनते हैं, दो गज की दूरी का पालन नहीं करते हैं, या फिर, दूसरी जरुरी सावधानियां नहीं बरतते हैं, तो, आप अपने साथ-साथ दूसरों को भी जोखिम में डाल रहे हैं.
- कोरोना के संकट काल में देश लॉकडाउन से बाहर निकल आया है. अब हम अनलॉक के दौर में हैं. अनलॉक के इस समय में, दो बातों पर बहुत फोकस करना है - कोरोना को हराना और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना, उसे ताकत देना.
- भारत का संकल्प है - भारत के स्वाभिमान और संप्रभुता की रक्षा, भारत का लक्ष्य है – आत्मनिर्भर भारत, भारत की परंपरा है – भरोसा, मित्रता, भारत का भाव है – बंधुता, हम इन्हीं आदर्शों के साथ आगे बढ़ते रहेंगे.
- कोई भी मिशन जन-भागीदारी के बिना पूरा नहीं हो सकता है. इसीलिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक नागरिक के तौर पर हम सबका संकल्प, समर्पण और सहयोग बहुत जरूरी है.
- हमारा हर प्रयास इसी दिशा में होना चाहिए, जिससे, सीमाओं की रक्षा के लिए देश की ताकत बढ़े, देश और अधिक सक्षम बने, देश आत्मनिर्भर बने - यही हमारे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी.
- भारत-माता की रक्षा के जिस संकल्प से हमारे जवानों ने बलिदान दिया है, उसी संकल्प को हमें भी जीवन का ध्येय बनाना है, हर देश-वासी को बनाना है.
- भारत-माता की रक्षा के जिस संकल्प से हमारे जवानों ने बलिदान दिया है, उसी संकल्प को हमें भी जीवन का ध्येय बनाना है, हर देश-वासी को बनाना है
- बिहार के रहने वाले शहीद कुंदन कुमार के पिताजी के शब्द तो कानों में गूंज रहे हैं. वह कह रहे थे, अपने पोतों को भी, देश की रक्षा के लिए, सेना में भेजूंगा. यही हौंसला हर शहीद के परिवार का है. वास्तव में, इन परिजनों का त्याग पूजनीय है.
- लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हुए हैं, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है, श्रद्धांजलि दे रहा है. पूरा देश उनका कृतज्ञ है, उनके सामने नत-मस्तक है. इन साथियों के परिवारों की तरह ही, हर भारतीय, इन्हें खोने का दर्द भी अनुभव कर रहा है.
- लद्दाख में भारत की भूमि पर, आंख उठाकर देखने वालों को, करारा जवाब मिला है.
- भारत, मित्रता निभाना जानता है, तो, आंख-में-आंख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है.
- भारत ने जिस तरह मुश्किल समय में दुनिया की मदद की, उसने आज शांति और विकास में भारत की भूमिका को और मजबूत किया है.
- दुनिया ने भारत की विश्व बंधुत्व की भावना को भी महसूस किया है. अपनी संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा करने के लिए भारत की ताकत और भारत के कमिटमेंट को देखा है.
इसी साल में, देश नए लक्ष्य प्राप्त करेगा, नई उड़ान भरेगा, नयी ऊंचाइयों को छुएगा. मुझे, पूरा विश्वास, 130 करोड़ देशवासियों की शक्ति पर है, आप सब पर है, इस देश की महान परंपरा है.
भारत में जहां एक तरफ बड़े-बड़े संकट आते गए, वहीं सभी बाधाओं को दूर करते हुए अनेकों-अनेक सृजन भी हुए. नए साहित्य रचे गए, नए अनुसंधान हुए, नए सिद्धांत गड़े गए,यानि संकट के दौरान भी हर क्षेत्र में सृजन की प्रक्रिया जारी रही और हमारी संस्कृति पुष्पित-पल्लवित होती रही.