दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

आर्थिक सुधारों को जारी रखने की जरूरत: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह - डा. मनमोहन सिंह विश्वविद्यालय में छात्रों को किया संबोधित

राजस्थान के एक निजी विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत की अस्थिर अर्थव्यवस्था पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि सरकार को आर्थिक सुधारों को जारी रखने की सख्त जरूरत है.

र्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह

By

Published : Sep 8, 2019, 12:04 AM IST

Updated : Sep 29, 2019, 8:25 PM IST

जयपुर:पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह नेआर्थिक हालातों पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा किउदारीकरण की नीतियों पर खड़े किए गए आर्थिक सुधारों को जारी रखने की जरूरत है.साथ ही उन्होंने कहा कि एक सोची समझी रणनीति से ही भारत को पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाया जा सकता है.

डॉ. मनमोहन सिंह यहां एक निजी विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि गरीबी, सामाजिक असमानता, सांप्रदायिकता और धार्मिक कट्टरवाद और भ्रष्टाचार लोकतंत्र के समक्ष कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं.

उन्होने भारत की गिरती अर्थव्यवस्था पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, ‘इस समय हमारी अर्थव्यवस्था धीमी पड़ती दिखती है, जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट आ रही है, निवेश की दर स्थिर है, किसान संकट में हैं, बैंकिंग प्रणाली संकट का सामना कर रही है, बेरोजगारी बढ़ती जा रही है.भारत को पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हमें एक अच्छी तरह से सोची समझी रणनीति की जरूरत है.'

उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को कर आतंकवाद रोकना चाहिए, भिन्न विचारों की आवाजों का सम्मान करना चाहिए और सरकार को हर स्तर पर संतुलन लाना चाहिए.

उदारीकरण की नीतियों पर खड़े किए गए आर्थिक सुधारों को जारी रखना समय की मांग है.

डा सिंह ने देश में लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने की वकालत करते हुए कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए आने वाले समय में सिद्धांतवादी, ज्ञानी और दूरदर्शी नेताओं की जरूरत है.

पढ़ें-RBI से पैसे लेने पर कांग्रेस आक्रामक, अर्थव्यवस्था पर श्वेतपत्र की मांग

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की शक्ति संविधान में निहित है और राजनीतिक दलों को संविधान में उल्लेखित मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता जतानी होगी.

हमारी एकता बनी रहे इसके लिए जरूरी है कि सरकार न्याय, स्वतंत्रता व समानता के साथ..साथ ऐसा वातावरण दे जो भिन्न विचारों का सम्मान करता हो. हमें संसद और इसकी प्रक्रियाओं की सर्वोच्चता का सम्मान करना होगा.

जेके लक्ष्मीपत विश्वविद्यालय में इस कार्यक्रम में सिंह ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय, निर्वाचन आयोग, कैग, सीबीआई, सतर्कता आयोग,सूचना आयोग जैसे संस्थानों से अपेक्षा रहती है कि वे संविधान के ढांचे के भीतर स्वतंत्र रूप से काम करेंगे.

उन्होंने कहा, 'हमें हमेशा अपराध और भ्रष्टाचार को कम करने, विधिसम्मत शासन को मजबूत करने तथा विकास के एक इंजन के रूप में निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाने के उद्देश्य से काम करना चाहिए.'

आपको बता दें कि डॉ. मनमोहन सिंह को जेकेएलयू लॉरेट अवार्ड 2019 से सम्मानित किया गया है.

Last Updated : Sep 29, 2019, 8:25 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details