जयपुर:पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह नेआर्थिक हालातों पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा किउदारीकरण की नीतियों पर खड़े किए गए आर्थिक सुधारों को जारी रखने की जरूरत है.साथ ही उन्होंने कहा कि एक सोची समझी रणनीति से ही भारत को पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाया जा सकता है.
डॉ. मनमोहन सिंह यहां एक निजी विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि गरीबी, सामाजिक असमानता, सांप्रदायिकता और धार्मिक कट्टरवाद और भ्रष्टाचार लोकतंत्र के समक्ष कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं.
उन्होने भारत की गिरती अर्थव्यवस्था पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, ‘इस समय हमारी अर्थव्यवस्था धीमी पड़ती दिखती है, जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट आ रही है, निवेश की दर स्थिर है, किसान संकट में हैं, बैंकिंग प्रणाली संकट का सामना कर रही है, बेरोजगारी बढ़ती जा रही है.भारत को पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हमें एक अच्छी तरह से सोची समझी रणनीति की जरूरत है.'
उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को कर आतंकवाद रोकना चाहिए, भिन्न विचारों की आवाजों का सम्मान करना चाहिए और सरकार को हर स्तर पर संतुलन लाना चाहिए.
उदारीकरण की नीतियों पर खड़े किए गए आर्थिक सुधारों को जारी रखना समय की मांग है.
डा सिंह ने देश में लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने की वकालत करते हुए कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए आने वाले समय में सिद्धांतवादी, ज्ञानी और दूरदर्शी नेताओं की जरूरत है.