मार्टिन लूथर किंग, जिन्होंने अमेरिका में अश्वेतों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष किया था, मुंबई आने पर मणि भवन में ही ठहरे थे. वह यहां 1959 में आए थे. उन्होंने होटल में ठहरने से इनकार कर दिया था.
मणिभवन आने पर वे गांधी के कार्यों से परिचित हुए और उन्हें करीब से जाना.
गांधी के मणि भवन का ऐतिहासिक महत्व मणिभवन के सचिव और ट्रस्टी मेघश्याम आजोनकर ने बताया कि यहां ओबामा और उनकी पत्नी भी आ चुकी हैं.
उन्होंने बताया कि मणि भवन रेवा शंकर झावेरी द्वारा 1912 में बनाया गया था. गांधी यहां 1915 में आए थे.
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उन्होंने बताया कि गांधी ने यहीं से जनता की सेवा करने का निर्णय लिया. गांधी यहां 1917 से 1934 के बीच कई बार आए. वही यहीं ठहरते थे.
मेघश्याम ने कहा कि1959 में मार्टिन लूथर किंग यहां आए थे. वही भी यहीं पर ठहरे.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गांधी ने मणिभवन से आजादी के आंदोलन का नेतृत्व किया था. यहीं पर गांधी ने चरखा चलाना भी सीखा था.
सबसे खास बात ये है कि हर साल यहां लाखों लोग आते हैं. यहां महात्मा गांधी का कमरा दूसरे तले पर है. जहां सबसे अधिक लोग आते हैं.