सिवान : जब इंसान बेबस और लाचार होकर अपनी आखों के सामने अपनों को खो दे तो उसका दर्द क्या होता है, इसका अंदाजा शायद आप नहीं लगा सकते. लेकिन बिहार के सिवान से एक ऐसी ही घटना सामने आई है, जहां एक नौजवान बेटे ने बेबस होकर अपने पिता के तड़पते हुए मरने का वीडियो बनाकर अपनी लाचारी जाहिर की. बेटे की ये बेबसी शायद जिला प्रशासन को नजर नहीं आई और आखिरकार बेटे के सामने क्वारंटाइन सेंटर में बाप ने दम तोड़ दिया.
मरीज को नहीं भेजा गया अस्पताल
ये दर्दनाक घटना दरौली प्रखंड के भिटौली गांव के एक प्रवासी मजदूर की है. जिनकी सिवान के डीइलू होटल में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में मौत हो गई. दरअसल मजदूर पारस नाथ ठाकुर अपने बेटे शिबू ठाकुर के साथ मुंबई में रहते थे. दो महीने पहले इनको पीलिया हुआ था. लेकिन लॉकडाउन के चलते उनका सही से इलाज नहीं हो सका था. सरकार से घर आने की छूट मिलते ही पारस नाथ अपने गांव आ गए, जहां इनको पंचायत में बने क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया. बीते बुधवार को तबीयत बिगड़ने के बाद इनको अस्पताल न भेजकर सिवान के डीईलू होटल में रखा गया. जहां इनकी मौत हो गई.
इलाज कराने के लिए परेशान रहा बेटा
बेटे के जरिए बनाए गए वीडियो में साफ दिख रहा है कि मरीज पलंग पर लेटा तड़प रहा है, लेकिन उसे देखने के लिए कोई डॉक्टर या नर्स वहां मौजूद नहीं है. पिता का इलाज कराने के लिए बेटा परेशान था, लेकिन उसे बाहर नहीं निकलने दिया गया. बल्कि प्रशासन की ओर से मारने की धमकी भी दी गई. आखिरकार उसने मजबूर होकर वीडियो बनाया और लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और बेटे के सामने बाप ने दम तोड़ दिया.