कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को यूनाइटेड नेशन जैसे निष्पक्ष संगठन द्वारा एक जनमत संग्रह की मांग की, ताकि यह पता चल सके कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के पक्ष में कितने लोग हैं कितने लोग इसके विरोध में हैं.
ममता ने एक पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जैसा एक निष्पक्ष संगठन होना चाहिए, जो एक जनमत संग्रह आयोजित करें और देखे कि कितने लोग नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के पक्ष में हैं और कितने उसके के खिलाफ हैं.
इसके अलावा सीएम ने भाजपा पर देश को विभाजित करने का भी आरोप लगाया और कहा कि संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ विरोध तब तक नहीं रुकेगा, जब तक कि सरकार कानून वापस नहीं ले लेती.
उन्होंने कहा कि आजादी के 73 साल बाद, हमें यह साबित करना होगा कि हम भारतीय नागरिक हैं. बीजेपी देश को विभाजित कर रही है.
ममता ने लोगों से कहा कि वह अपना विरोध बंद न करें क्योंकि हमें सीएए को रद्द करना होगा. उन्होंने कहा कि तीन दिन बीतने के साथ परर्शन और मजबूत हुआ है,