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पश्चिम बंगाल में नागरिकता जाने के डर से 11 लोगों ने की आत्महत्या: ममता

असम के बाद अब पश्चिम बंगाल में एनआरसी एक गंभीर राजनीतिक मुद्दा बन गया है. त्रिणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने कहा है कि एनआरसी लागू होने के डर से पश्चिम बंगाल में अब तक कुल 11 लोगों ने आत्महत्या कर ली है. जाने पूरा मामला.......

त्रिणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी

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Published : Sep 26, 2019, 8:19 AM IST

Updated : Oct 2, 2019, 1:27 AM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) ने राजनीतिक बहस का रूप ले लिया है. एक तरफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता जाने के डर से 11 लोगों द्वारा आत्महत्या करने का बुधवार को दावा किया वहीं भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने जोर दिया कि राज्य में एनआरसी लागू की जाएगी लेकिन किसी हिंदू को देश नहीं छोड़ना पड़ेगा.

बनर्जी ने प्रखंड विकास अधिकारियों (बीडीओ) एवं लोक प्रतिनिधियों से प्रत्येक घर जाने और भारत की नागरिकता छिनने के डर संबंधी लोगों की चिंताओं को दूर करने को कहा.

वहीं भाजपा ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाती रही है.

भाजपा महासचिव विजयवर्गीय ने हालांकि कहा है कि राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी तैयार की जाएगी लेकिन किसी भी हिंदू को इससे बाहर नहीं रखा जाएगा.

उन्होंने यहां पश्चिम मिदनापुर जिले के डेबरा में प्रशासनिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, 'कितने लोग मर गए हैं. एनआरसी को लेकर फैली अफरा-तफरी में अब तक 11 लोग मारे जा चुके हैं. मैं लोगों का डर दूर करने के लिए सरकारी अधिकारियों एवं लोक प्रतिनिधियों से अपने-अपने इलाके में प्रत्येक घर में जाने को कहूंगी.'

उन्होंने घोषणा की, 'बंगाल में एनआरसी की कवायद नहीं होगी.'

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राज्य की टीएमसी सरकार ने लोगों से परेशान नहीं होने के संबंध में टीवी एवं प्रिंट मीडिया को विज्ञापन जारी करना भी शुरू कर दिया.

स्थानीय टीवी चैनलों द्वारा प्रसारित की जा रहा चार मिनट की ऑडियो-विजुअल क्लिप में बनर्जी लोगों से परेशान नहीं होने या एनआरसी के संबंध में 'झूठे दावों' से भ्रमित नहीं होने को कहती नजर आ रही हैं.

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार यह कहा कि असम तक सीमित एनआरसी की प्रक्रिया को पश्चिम बंगाल में भी अंजाम दिया जाएगा.

बनर्जी ने कहा कि राशन कार्ड जारी करने, बदलने और उसको अद्यतन करने के उनके सरकार के कार्यक्रम का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है जैसा कि कुछ लोग संदेह जता रहे हैं.

हालांकि केंद्र ने पश्चिम बंगाल में भी एनआरसी की प्रक्रिया दोहराने के बारे में कोई फैसला अभी नहीं किया है लेकिन बीडीओ कार्यालयों, अन्य दफ्तरों के साथ ही नगर निकायों के कार्यालयों के बाहर निवास स्थान संबंधी आवश्यक दस्तावेज जुटाने के लिए बड़ी- बड़ी कतार देखी जा रही हैं।

विजयवर्गीय ने यहां जनसभा से कहा, 'बंगाल में एनआरसी लागू होने को लेकर 100 फीसदी आश्वस्त रहें। लेकिन हिंदुओं को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम बहुत जल्द संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करने वाले हैं. '

उन्होंने कहा, 'भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के तौर पर मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनआरसी को लागू किया जाएगा लेकिन किसी भी हिंदू को देश नहीं छोड़ना होगा. प्रत्येक हिंदू को नागरिकता दी जाएगी.'

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विजयवर्गीय ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल और नेता लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के तौर पर मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनआरसी को लागू किया जाएगा लेकिन किसी भी हिंदू को देश नहीं छोड़ना होगा. प्रत्येक हिंदू को नागरिकता दी जाएगी.'

विजयवर्गीय ने कहा कि जब तक नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री और अमित शाह गृहमंत्री हैं, हिंदू शरणार्थियों को चिंता करने की जरूरत नहीं है.

विजयवर्गीय ने कहा, 'भारत कोई धर्मशाला नहीं है कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान (मुस्लिम) के बहुसंख्यक समुदाय के लोग घुसपैठ करें, आतंक फैलाएं और हमारे नागरिकों की आजीविका छीन लें.'

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असम में 31 अगस्त को प्रकाशित हुई एनआरसी की अंतिम सूची से बाहर रखे गए 19 लाख से ज्यादा लोगों में करीब 12 लाख हिंदू हैं.

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह नागरिक पंजी और नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर रखे सम्मेलन को संबोधित करने के लिए एक अक्टूबर को शहर का दौरा करेंगे.

Last Updated : Oct 2, 2019, 1:27 AM IST

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