कोलकाता: पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) ने राजनीतिक बहस का रूप ले लिया है. एक तरफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता जाने के डर से 11 लोगों द्वारा आत्महत्या करने का बुधवार को दावा किया वहीं भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने जोर दिया कि राज्य में एनआरसी लागू की जाएगी लेकिन किसी हिंदू को देश नहीं छोड़ना पड़ेगा.
बनर्जी ने प्रखंड विकास अधिकारियों (बीडीओ) एवं लोक प्रतिनिधियों से प्रत्येक घर जाने और भारत की नागरिकता छिनने के डर संबंधी लोगों की चिंताओं को दूर करने को कहा.
वहीं भाजपा ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाती रही है.
भाजपा महासचिव विजयवर्गीय ने हालांकि कहा है कि राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी तैयार की जाएगी लेकिन किसी भी हिंदू को इससे बाहर नहीं रखा जाएगा.
उन्होंने यहां पश्चिम मिदनापुर जिले के डेबरा में प्रशासनिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, 'कितने लोग मर गए हैं. एनआरसी को लेकर फैली अफरा-तफरी में अब तक 11 लोग मारे जा चुके हैं. मैं लोगों का डर दूर करने के लिए सरकारी अधिकारियों एवं लोक प्रतिनिधियों से अपने-अपने इलाके में प्रत्येक घर में जाने को कहूंगी.'
उन्होंने घोषणा की, 'बंगाल में एनआरसी की कवायद नहीं होगी.'
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राज्य की टीएमसी सरकार ने लोगों से परेशान नहीं होने के संबंध में टीवी एवं प्रिंट मीडिया को विज्ञापन जारी करना भी शुरू कर दिया.
स्थानीय टीवी चैनलों द्वारा प्रसारित की जा रहा चार मिनट की ऑडियो-विजुअल क्लिप में बनर्जी लोगों से परेशान नहीं होने या एनआरसी के संबंध में 'झूठे दावों' से भ्रमित नहीं होने को कहती नजर आ रही हैं.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार यह कहा कि असम तक सीमित एनआरसी की प्रक्रिया को पश्चिम बंगाल में भी अंजाम दिया जाएगा.
बनर्जी ने कहा कि राशन कार्ड जारी करने, बदलने और उसको अद्यतन करने के उनके सरकार के कार्यक्रम का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है जैसा कि कुछ लोग संदेह जता रहे हैं.