कोलकाता :पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एव तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि वह संसद और सड़क दोनों जगह 'फासीवादी' सरकार से लड़ेंगी.
उन्होंने ट्वीट किया, 'किसानों के हित के लिए लड़ने वाले आठ सांसदों को निलंबित किया जाना दुखद है और यह इस सरकार की निरंकुश मानसिकता को दर्शाता है जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों एवं नियमों में विश्वास नहीं रखती. हम झुकेंगे नहीं और इस फासीवादी सरकार से संसद और सड़क दोनों जगह लडेंगे.'
पार्टी ने तृणमूल के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन सहित सांसदों के निलंबन को 'अलोकतांत्रिक' करार दिया और कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा को 'ससंद को अराजक जंगल नहीं बनने दिया जा सकता.'
राज्यसभा में टीएमसी के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर रॉय ने उच्च सदन चलाने के तरीके पर सवाल उठाया.
रॉय ने यह भी कहा कि 'लोकतंत्र के इस मंदिर' में इस कार्यवाही की सभी खेमों को निंदा करनी चाहिए.
राज्यसभा में रविवार को सरकार ने कृषि से संबंधित दो विधेयकों को पारित कराने पर जोर देने पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया था. तृणमूल कांग्रेस सदस्यों के नेतृत्व में कुछ विपक्षी सदस्य आसन के बिल्कुल पास आ गए.
जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, वे हैं डेरेक ओ ब्राइन, राजीव साटव, संजय सिंह, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नजीर हुसैन और एलामारन करीम.
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सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि रविवार का दिन राज्य सभा के लिए बुरा दिन था. जब कुछ सदस्य सदन के वेल में आए. इस दौरान उप सभापति को शारीरिक रूप से खतरा था. यह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है.
रविवार को विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के बीच राज्यसभा ने दो प्रमुख कृषि विधेयकों को पारित किया था. लेकिन वोटिंग के दौरान विपक्षी सदस्यों ने खूब हंगामा किया. पीठासीन अधिकारी के आसन की ओर रुख करते हुए उनकी ओर नियम पुस्तिका को उछाला, सरकारी कागजातों को फाड़ डाला और मत विभाजन की अपनी मांग को लेकर उन पर दबाव बनाने का प्रयास किया.