कोलकाताः सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पीएम द्वारा उनके कार्यालय में फोन किया गया, जिसका जवाब वे नहीं दे सकी,क्योंकि उस समय वे फानी के संभावित प्रभाव पर नजदीक से नजर रखने के लिए खड़गपुर में थीं.
बता दें, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि शनिवार को ममता बनर्जी को दो बार कॉल करने पर भी उन्होंने बात नहीं की.
मोदी ने शनिवार को चक्रवात के मद्देनजर जमीनी स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को फोन किया था. इसके बाद टीएमसी ने पीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे देश के संघीय ढांचे का सम्मान नहीं करते.
ममता ने झाड़ग्राम के गोपीबल्लभपुर उप मंडल में रैली को संबोधित किया. और कहा, 'मैं चक्रवात की निगरानी करने के लिए खड़गपुर में थी लेकिन प्रधानमंत्री की ओर से मेरे कार्यालय (कोलकाता) में कॉल किया गया था जिस कारण में जवाब नहीं दे पाई.'
उन्होंने कहा कि मोदी ने उन्हें कलाईकुंडा में एक बैठक के लिए बुलाया था जहां वे चक्रवात प्रभावित ओडिशा का दौरा करने के बाद एक चुनावी सभा के लिए उतरे थे.
बनर्जी ने कहा,'क्या हम उनके नौकर हैं कि वे जहां भी बुलाएंगे हमें वहां जाना पड़ेगा?' अब वे आरोप लगाएंगे कि मैंने जवाब नहीं दिया या सहयोग नहीं दिखाया.
उन्होंने कहा, 'आज झाड़ग्राम में मेरी (चुनावी) सभा तय थी. पश्चिम बंगाल में चुनाव चल रहे हैं जबकि ओडिशा में समाप्त हो चुके हैं. मैं चुनावी समय के दौरान एक एक्सपायरी प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा क्यों करूं?'
मोदी ने यह मुद्दा दिन में पूर्वी मिदनापुर जिले के तामलुक में एक चुनावी रैली के दौरान उठाया था.
पढ़ेंः बरसे मोदी- 'बंगाल की मदद करने के लिए मैंने फोन किया, दीदी नहीं आईं'
उन्होंने कहा, 'वे इतनी घमंडी हैं कि उन्होंने मुझसे बात नहीं की..स्पीडब्रेकरदीदी की रुचि राजनीति करने में अधिक है.'