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ममता ने दी पीएम मोदी को खुली बहस की चुनौती - लोकसभा चुनाव 2019

विशाखापट्टनम में तीन मुख्यमंत्रियों ने साझा रैली कर बीजेपी को आड़े हाथों लिया. इस दौरान ममता बनर्जी आंध्र सीएम चंद्रबाबू नायडू के समर्थन में वोट मांगे. साथ ही पीएम मोदी को खुली बहस की चुनौती दे डाली.

विशाखापट्टनम में बोलतीं ममता बनर्जी.

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Published : Mar 31, 2019, 10:51 PM IST

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में तीन मुख्यमंत्रियों ने साझा रैली की. विपक्षी एकता को दिखाते हुए सीएम चंद्र बाबू नायडू, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला. ममता ने इस दौरान पीएम मोदी को खुली बहस की चुनौती दे डाली.

विशाखापट्टनम में बोलतीं ममता बनर्जी.

बता दें, ममता और चंद्रबाबू इस आम चुनाव में मोदी शासन के खिलाफ विपक्षी दलों के एकजुट होने की लगातार वकालत करते रहे हैं.

ममता बनर्जी ने लोगों से कहा, 'ये चुनाव बेहद महत्वपूर्ण हैं. कृपया दो बार सोचें फिर वोट करें, क्योंकि देश का भविष्य दांव पर है. चंद्रबाबू नायडू का नाम आंध्र से जुड़ा है. वह भविष्य में आपकी अधिक सेवा करेंगे. हम चाहते हैं कि आंध्र प्रगति करे.'

ममता ने दी पीएम को चुनौती (फोटो सौ. TMC ट्विटर)

उन्होंने कहा, 'आंध्र देश का नेतृत्व क्यों नहीं कर सकता है? मैं चाहती हूं कि आंध्र, बंगाल, तेलंगाना, दिल्ली और हर राज्य समृद्ध हो. आंध्र और तेलंगाना में राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं. लेकिन मैं चाहती हूं कि हर राज्य समृद्ध हो.यदि आप चाहते हैं कि आपका राज्य आगे बढ़े, तो आपको चंद्रबाबू नायडू का चुनाव करना चाहिए. उन्हें केंद्र में काम करने का अनुभव है. वह देश की सेवा के लिए मूल्यवान साबित होंगे.'

पीएम मोदी और अमित शाह पर गुंडागर्दी का आरोप लगाते हुए ममता ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन गए हैं. अपने पार्टी अध्यक्ष के साथ, वे सभी विपक्षी नेताओं को निशाना बना रहे हैं और उन्हें डरा रहे हैं. उनका झूठ हमेशा के लिए नहीं रहेगा. पिछले चुनाव में उन्होंने 'चायवाले' के नाम पर लोगों का भरोसा जीता. अब वे 'चौकीदार' बन गए हैं. वे देश को लूट रहे हैं. इतने जवानों की जान चली गई है. आतंकवाद फैलता जा रहा है. किसान जान दे रहे हैं. बेरोजगारी बढ़ती जा रही है.'

बंगाल सीएम ने कहा, 'पीएम मोदी ने अभी तक एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित नहीं किया. वे मीडिया का सामना करने से डरते हैं. भाषण देने के दौरान भी, पीएम को टेलीप्रोम्पटर की जरूरत होती है. और वह हमेशा झूठ बोलते हैं.'

मोदी को लेकर कहा, 'देश के नेता को महात्मा गांधी, मौलाना आजाद, भीम राव अंबेडकर, नेताजी सुभाष चंद्र, राजेंद्र प्रसाद और अन्य दिग्गजों की तरह होना चाहिए. वह ब्लॉक प्रमुख भी नहीं बन सकते, तो फिर राष्ट्र नेता कैसे बन सकते है?'

पुलवामा हमले को लेकर ममता बोलीं, 'पुलवामा हमले के बाद पीएम ने सर्वदलीय बैठक को संबोधित क्यों नहीं किया? देश जल रहा है. वे गौ-रक्षा के नाम पर लोगों को के साथ गुंडागर्दी कर रहे हैं. हम मोदी को नहीं चाहते क्योंकि हम दंगे नहीं चाहते. हम मोदी को नहीं चाहते क्योंकि हम सांप्रदायिक सद्भाव चाहते हैं. प्रधानमंत्री कौन बनेगा इसका फैसला चुनाव के बाद होगा.'

प्रधानमंत्री को चुनौती देते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं मोदी को खुली बहस की चुनौती देती हूं. मैं उनके खिलाफ राजनीतिक रूप से लड़ने के लिए तैयार हूं. उन्हें मेरे लिए प्रश्न करने दो, मैं उन सबके जवाब दूंगी. मैं भी उनसे सवाल पूछूंगी और उन्हें जवाब देना होगा. कोई टेलीप्रॉम्पटर भी नहीं होगा. मोदी कुछ चुनिंदा मीडिया चैनलों की मदद से सत्ता में वापस नहीं आ सकते. अगर हमें देश को बचाना है तो मोदी को हराना होगा.वे राज्य सरकारों को कार्य करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. वे संविधान को बदल रहे हैं. संस्थानों की स्वतंत्रता पर हमला हो रहा है.'

उन्होंने आगे कहा, 'अगर मोदी और अमित शाह सत्ता में वापस आए, तो देश पहले जैसा नहीं रहेगा. हम सभी स्वतंत्रता खो देंगे. हम केंद्र में लोगों की सरकार बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे.'

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