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मानसून में मलेरिया का खतरा, जानें क्या हैं लक्षण और उपचार

बारिश का मौसम बीमारियों को आमंत्रित करने का मौसम है. बारिश के मौसम में कई स्थानों पर जलजमाव, कीचड़ व गंदगी से पैदा होने वाले मच्छर व बैक्टीरिया बीमारियां फैलाते हैं.

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Published : Jun 23, 2020, 8:13 PM IST

Updated : Jun 23, 2020, 8:18 PM IST

हैदराबाद : कोरोना के बीच बारिश के समय मलेरिया का खतरा बढ़ता जा रहा हैं. मलेरिया बरसात में होने वाली आम लेकिन गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो जलजमाव से पैदा होने वाले मच्छरों के काटने से होती है. यह रोग मादा ऐनोफिलिज मच्छर के काटने से फैलता है.

मलेरिया का कारण और उपचार

  • मलेरिया मादा एनोफिलिज मच्छरों के काटने से फैलता है. प्लासमोडियम नामक पैरासाइट आपके ब्लड में पहुंच जाता है और शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं को नष्ट करने लगता है.
    मलेरिया प्रोन क्षेत्रों का राज्यवार विश्लेषण:
  • यह एक तीव्र ज्वर की बीमारी है जिनके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द और ठंड लगना शामिल हैं.
    पिछले चार वर्षों में मलेरिया के मामलें और मौतों का विवरण.
  • जब जलवायु की स्थिति मच्छरों के फेवर में होती है तब, मच्छरों से होने वाली यह महामारी फैलती है. इस समय मानव में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और इसके संक्रमण की संभावना अधिक होती है.
    मलेरिया नियंत्रण के लिए सरकारी कार्यक्रम.
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कीटनाशक का छिड़काव घरों के पास साफ-सफाई, मच्छरदानी का प्रयोग प्रभावी निवारक साधनों के रूप में किया गया है.
    पिछले चार वर्षों में मलेरिया के मामलें और मौतों का विवरण.
  • यदि मलेरिया का टेस्ट किया जाता है, तो इस समय सबसे अच्छा उपलब्ध उपचार एसीटी (आर्टेमिसिनिन-आधारित संयोजन) चिकित्सा है.

भारत में मलेरिया

भारतीय लोग मलेरिया को लेकर अधिक सकारात्मक रहें है लेकिन निरंतर सतर्कता और प्रतिबद्ध कार्रवाई के लिए कहता है. भारत में मलेरिया से होने वाली मौतों में 2016 से 2019 की तुलना में कमी देखने को मिली है.

मलेरिया नियंत्रण के लिए सरकारी कार्यक्रम.

आर्थिक बोझ और मलेरिया

  • भारत में मलेरिया से कुल आर्थिक बोझ 1,940 मिलियन यूएस डालर का है. यह बीमारी समाज के आर्थिक रूप से कमजोर कमजोर करती है. लोगों के साथ-साथ गर्भवती माताओं और पांच साल से कम उम्र के बच्चों को भी प्रभावित करती है.

पढ़ें- भारत में प्रति लाख लोगों पर कोरोना के मामले दुनिया में सबसे कम

मलेरिया नियंत्रण के लिए सरकारी कार्यक्रम

मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय ढांचा

  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री द्वारा 11 फरवरी 2016 को मलेरिया उन्मूलन (एनएफएमइ) के लिए राष्ट्रीय रूपरेखा का शुभारंभ किया गया.
  • भारत ने 2027 तक मलेरिया को खत्म करने का लक्ष्य रखा है. जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैश्विक तकनीकी रणनीति के तहत एशिया प्रशांत के लिए मलेरिया उन्मूलन रोडमैप तैयार किया गया है.
  • मलेरिया उन्मूलन के लिए 2017 से 2022 तक के लिए एनएफएमइ के साथ स्टैटेजिक प्लान बनाया गया है. इसमें सभी क्षेत्रों के साथ जिला आधारित योजना, कार्यान्वयन और निगरानी पर ध्यान केंद्रित किया गया.
  • रिपोर्ट के अनुसार 2016 की तुलना में 2019 में मलेरिया के मामलों / मौतों में काफी कमी आई है.

मलेरिया के लक्षण- निवारक उपाय- सावधानियां

मलेरिया के लक्षण

  • बुखार और ठंड लगना
  • सिरदर्द
  • मतली और उल्टी
  • सामान्य कमजोरी
  • शरीर में दर्द

निवारक उपाय

  • मच्छर भगाने वाले यंत्र लगाएं और इसे बार-बार लगाएं.
  • सोते समय बिस्तरों पर मच्छरदानी का प्रयोग करें
  • पूरे बाजू के कपड़े पहनें जो पूरी तरह से बाहों और पैरों को कवर करते हों
  • दरवाजे और खिड़कियां शाम के दौरान बंद रखें

मलेरिया से बचने के लिए एहतियात

  • मलेरिया के प्रकोप वाले क्षेत्रों की यात्रा करने से बचें.
  • शिशुओं और छोटे बच्चों की ओर विशेष ध्यान दिया जाए.
  • जितनी जल्दी हो सके मलेरिया के लक्षणों पर ध्यान दें.
Last Updated : Jun 23, 2020, 8:18 PM IST

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