मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि राज्य को सूखा मुक्त और एक खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना ही विधानसबा चुनाव के मुख्य मुद्दे हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है, इसलिए आखिरी समय में अनुच्छेद 370 की बात की गई.
राज्य में 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार की शाम चुनाव प्रचार समाप्त हो गया.
फडणवीस ने कुछ पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने का केंद्र का पांच अगस्त का फैसला भाजपा का मुख्य चुनावी मुद्दा नहीं था.
उन्होंने कहा, 'चूंकि इस अहम (अनुच्छेद-370) राष्ट्रीय मुद्दे पर कांग्रेस को बेनकाब किया, इसलिए इसे प्रमुखता मिली. अनुच्छेद 370 हमारा मुख्य मुद्दा नहीं था. हमारा मुख्य एजेंडा महाराष्ट्र को सूखे से मुक्त करना और राज्य की अर्थव्यवस्था को एक खरब डॉलर का बनाना है.'
फडणवीस ने दावा किया कि चुनाव प्रचार के दौरान दिये अपने भाषणों में उन्होंने पांच साल के दौरान अपनी सरकार की ओर से किये गये विकास कार्यों पर जोर दिया.
उन्होंने कहा, 'भाषण के आखिरी मिनटों में मैंने अनुच्छेद-370 का मुद्दा उठाया क्योंकि जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र भारत का हिस्सा हैं. हर कोई चाहता था कि अनुच्छेद-370 खत्म हो जबकि कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने इस कदम का विरोध किया. हमनें अपने भाषणों से केवल उन्हें बेनकाब किया.'
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की भावनाएं राष्ट्रवाद के साथ है और भाजपा हमेशा राष्ट्रवाद और विकास के साथ चली है.
वीर सावरकर पर की गई पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की टिप्पणी के बारे में फडणवीस ने कहा कि उनकी (मनमोहन सिंह) टिप्पणी (कांग्रेस नेता) राहुल गांधी के लोकसभा चुनाव में सावरकर को लेकर दिए बयान के विपरीत है.
फडणवीस ने कहा कि मनमोहन सिंह का यह दावा कि कांग्रेस ने अनुच्छेद 370 को रद करने के फैसले का समर्थन किया, गलत है.
अर्थव्यवस्था के बारे में मनमोहन सिंह की टिप्पणी के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अर्थशास्त्री हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने राजनीतिक बयान दिया है. संप्रग शासन के चौथे और पांचवें साल के मुकाबले महाराष्ट्र में हमारी सरकार के पहले तीन वर्षों में अधिक निवेश हुआ.
फडणवीस ने कहा कि देश में स्थापित 25 फीसदी स्टार्टअप महाराष्ट्र में हैं. देश में सृजित कुल नौकरियों में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत है. सूक्ष्म, मझोले और छोटे उद्योगों में गत पांच में 59 लाख रोजगार सृजित किये गये हैं. उन्होंने कहा, 'देश आर्थिक सुस्ती का सामना कर रहा है, न कि आर्थिक मंदी का.'
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उन्होंने कहा, 'यह अस्थायी दौर है. हमने कर व्यवस्था में बदलाव किया, हम दिवालिया संहिता लाए. हम सात फीसदी विकास दर होने की उम्मीद कर रहे थे, इसके 5.8 प्रतिशत होने का अनुमान है. आर्थिक मंदी के लिए नकारात्मक विकास दर होनी चाहिए.'
मुख्यमंत्री ने कहा, अगले पांच वर्षों में सरकार ने 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव किया है, जिससे आर्थिक सुस्ती दूर होगी और मांग एवं रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.