नई दिल्ली/कोलकाता : देशभर में आज मकर संक्रांति श्रद्धा, उल्लास और पंरपरा के अनुसार मनाया जा रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों में इस अलग-अलग नामों से जानते हैं. सूर्य भगवान को समर्पित इस त्योहार पर लोगपवित्रनदियों में स्नान करते हैं. मकर संक्रांति को मनाने के लिए देश के विभिन्न स्थानों पर कई मेले लगते हैं.
नेपाल, फ्रांस, रूस और ऑस्ट्रेलिया सहित देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु मकर संक्रांति पर होने वाले स्नान के लिए पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में स्थित सागर द्वीप पहुंचे हैं. कुंभ मेला के बाद लोगों की संख्या के लिहाज से गंगासागर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेला है.
मकर संक्रांति के अवसर पर हुगली नदी और बंगाल की खाड़ी के संगम में स्नान करने के लिए लाखों की संख्या में लोग कोलकाता से करीब 130 किलोमीटर दूर सागर द्वीप में प्रतिवर्ष जमा होते हैं. इस दिन लोग स्नान करने के बाद कपिल मुनी आश्रम में पूजा करते हैं.
पंरपराओं के अनुसार आज सूर्य उत्तरायण होता है और मकर राशि में प्रवेश करता है. इसी के साथ ही एक महीने से चला आ रहा खरमास का समाप्त होगा और शादी-विवाह समेत मांगलिक कार्य शुरू होंगे.
प्रयागराज
तीर्थराज प्रयाग का प्रमुख द्वितीय स्नान पर्व मकर संक्रांति का स्नान आज है. मेला प्रशासन द्वारा मकर संक्रांति स्नान पर्व पर लगभग 80 लाख लोगों के स्नान करने की संभावना जताई है. मंगलवार की शाम से ही लाखों श्रद्धालुओं और कल्पवासियों का जनसैलाब संगम की पवित्र रेती पर उमड़ पड़ा है.
दूर-दूर तक बिखरे हुए शिविरों के लघु भारत में एक अद्भुत दृश्य उपस्थित हो गया है. सुबह भोर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगमनगरी पहुंचकर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. मकर संक्रांति स्नान पर्व को लेकर मेला प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी की गई है. घाटों के चारों ओर श्रद्धालुओं के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जलपुलिस के साथ ही जिला पुलिस की भी तैनाती कर दी गई है.
ढाई हजार बीघे में बसे हुए इस माघ मेले में श्रद्धालु भक्तों का समूह अद्भुत दृश्य उपस्थित करने लगा है. इस बार 12 घाटों का निर्माण कराया गया है, जो लगभग 8 किलोमीटर में फैले हुए हैं. सुरक्षा की दृष्टि से पूरी तरह से प्रशासन ने व्यवस्था कर रखी है. श्रद्धालुओं के प्रमुख मार्गों पर स्थान-स्थान पर पुलिस की तैनाती की गई है.
गोरखपुर
बाबा गोरखनाथ को मकर संक्रांति पर पहली खिचड़ी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने चढ़ाई. उसके बाद उन्होंने नेपाल नरेश की भी खिचड़ी चढ़ाई. योगी के खिचड़ी चढ़ाने के बाद मंदिर का दरवाजा आम भक्तों के लिए खोल दिया गया. इसी के साथ खिचड़ी मेला भी प्रारंभ हुआ.
युगों से चली आ रही इस परंपरा का निर्वहन करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर पहुंच गए हैं. लाखों की संख्या में श्रद्धालु खिचड़ी चढ़ाने के लिए कतार में खड़े होकर अपने नंबर का इंतजार कर रहे हैं.