सिवान : बिहार की धरती से देश को अनेक विभूतियां मिली हैं. देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म सिवान जिले में हुआ. इसके अलावा मौलाना मजहरूल हक जैसी विभूतियां भी सिवान में ही पैदा हुईं.
सिवान के धरती की महत्ता ऐसी कि राष्ट्रपति महात्मा गांधी भी इस जिले में कई बार कदम रखा. बापू ने सन 1927 में स्वतंत्रता संग्राम की लौ को तेज करने के लिए बिहार का रुख किया था. इस दौरान महात्मा गांधी सिवान भी आए थे.
18 जनवरी, 1927 को सिवान के मैरवा में बापू ने सभा की थी. उस सभा में करीब 30 हजार लोग शामिल हुए थे. बापू ने पर्दानशीं महिलाओं से खद्दर खरीदने की अपील की थी. एक बार फिर सन 1930 में महात्मा गांधी सिवान के मैरवा पहुंचे थे. ये वो दौर था जब स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी भड़क चुकी थी.
साल 1930 तक महात्मा गांधी की पुकार पर सैकड़ों लोग जंग-ए-आजादी में कूद पड़े थे. इलाके का बच्चा-बच्चा सविनय अवज्ञा और असहयोग आंदोलन से जुड़ गया था, लेकिन इस बीच कुछ युवाओं ने उत्साह में मैरवा थाना, डाकघर, रेलवे स्टेशन में आग लगा दी. हमला सुनियोजित और असरदार था.
सिवान के मैरवा निवासी चौधरी हाशिम राहगीर उर्फ गांधी जी ने बताया कि सन 1942 के दौर में प्रशासन ने इन लोगों के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई की शुरुआत कर दी. लंगड़पुरा के रामदेनी कुर्मी ने थानेदार को चुनौती दी तो थानेदार ने सीने में गोली उतार दी थी. वे वहीं पर शहीद हो गए. मैरवा रेलवे स्टेशन इस शहादत का गवाह बना.