मुंबईः महाराष्ट्र में राजनीति चरम पर पहुंच चुकी है. इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की. उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है.
इस्तीफा देने के बाद मीडिया से क्या बोले फडणवीस
मैंडेट भाजपा-शिवसेना गठबंधन को मिला है
जीत को लेकर हमारा स्ट्राइक रेट 70 फीसदी रहा है, यह 2014 के मुकाबले ज्यादा है
हां, यह सही है कि जितनी हमें उम्मीद थी, उतनी सीटें हमारे गठबंधन को नहीं मिली.
सरकार बनाने के सारे विकल्प हमारे सामने खुले हैं, यह हमने पहले भी कहा था
हमने जीत के बाद पहली पीसी में उद्धव ठाकरे को धन्यवाद किया था
ढाई-ढाई साल सीएम पद पर मेरे सामने कोई फैसला नहीं हुआ था
अगर कोई वादा था, तो इस पर बैठकर विचार करना था, यह कहना कि चर्चा ही नहीं करेंगे, यह कदम सही नहीं है
देखें, देवेंद्र फडणवीस के संबोधन का वीडियो... शिवसेना की ओर से जिस तरीके से पीएम मोदी पर टिप्पणी की गई, यह दुर्भाग्यपूर्ण था.
मोदी पर इतने गंभीर आरोप तो कांग्रेस और एनसीपी ने भी नहीं लगाए हैं.
शिवसेना को इस पर पहले चर्चा करनी चाहिए थी.
हमने तो बाला साहेब ठाकरे को लेकर कभी कुछ नहीं कहा.
फडणवीस ने अपने इस्तीफे को लेकर दिया बयान हमने कभी भी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को लेकर किसी भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं किया.हमने उद्धव से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठायाशिवसेना भाजपा के बजाए, एनसीपी-कांग्रेस से बात करती रही. यानि शिवसेना यह पहले से तय कर चुकी थी कि वह भाजपा के साथ नहीं जाएगी, सीएम पद पर दावा करना एक बहाना मात्र है.
महाराष्ट्र की राजनीति पर बोले फडणवीस अन्य बिंदु
शिवसेना के दावों को खारिज करते हुए फड़णवीस ने जोर देकर कहा कि ‘मेरी मौजूदगी में’ दोनों दलों द्वारा मुख्यमंत्री पद की साझेदारी को लेकर कोई समझौता नहीं किया गया है.
शिवसेना ने दावा किया था कि लोकसभा चुनावों से पहले दोनों गठबंधन सहयोगियों ने अगले कार्यकाल में ढाई-ढाई साल के लिये मुख्यमंत्री पद की साझेदारी का फैसला किया था.
फड़णवीस ने दावा किया कि उन्होंने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से गतिरोध तोड़ने के लिये फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन, ‘उद्धव जी ने मेरा फोन नहीं उठाया.’
उन्होंने कहा कि भाजपा से किनारा करने और विपक्षी कांग्रेस व राकांपा से बात करने की ‘नीति’ गलत थी.
फड़णवीस ने कहा कि राज्यपाल ने उनसे अगली व्यवस्था होने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है.महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के एक पखवाड़े बाद भी सरकार गठन पर कोई सहमति नहीं बनी है.भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री के पद को लेकर रस्साकशी के कारण उनके पास संयुक्त रूप से 161 विधायकों के साथ बहुमत से अधिक का आंकड़ा होने के बावजूद सरकार गठन पर गतिरोध बना हुआ है। महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय सदन में बहुमत का आंकड़ा 145 है.विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीट, शिवसेना ने 56, राकांपा ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीट जीती हैं.