मुंबई : महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार ने शुक्रवार को अपना पहला बजट पेश किया. इस बजट में किसानों के लिए कर्ज में राहत, पेट्रोल और डीजल पर एक रुपये प्रति लीटर वैट बढ़ाने और उद्योगों के लिए बिजली शुल्क को कम करने का प्रस्ताव किया है.
राज्य के उप-मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने विधानसभा में पेश 2020-21 के कुल 3,56,968 करोड़ रुपये के व्यय वाले बजट में 3,47,457 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का अनुमान लगाया गया है. बजट में 1,15,000 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना और 9,511 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया गया है. इसी प्रकार वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटा 54,618.38 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के पहले बजट में संसाधन जुटाने के लिए पेट्रोल और डीजल पर वैट को प्रति लीटर एक रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है. वित्त मंत्री ने बताया कि इससे राज्य सरकार के खजाने में हर साल 1800 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्राप्ति होगी.
बजट प्रस्तावों में कर रियायतों की घोषणा भी की गई है. इसमें मुंबई महानगरीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) और पुणे, पिंपरी-चिंचवड और नागपुर के नगर निगमों के तहत आने वाले क्षेत्रों में दस्तावेजों के पंजीकरण पर लगने वाले शुल्क में अगले दो वर्षों तक एक प्रतिशत की रियायत शामिल है.
बजट में औद्योगिक इस्तेमाल के लिए दी जाने वाली बिजली पर शुल्क को 9.3 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है.
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पवार ने कहा कि पंजीकरण शुल्क में रियायत से रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी, जबकि बिजली शुल्क में कमी से उद्योगों को राहत मिलेगी.