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भारत एक महान दोस्त है : मेडागास्कर के रक्षा मंत्री

मेडागास्कर के रक्षा मंत्री ले. जन. रोकोटोनिरिना ने भारत की उस मदद के लिए धन्यवाद कहा है, जो उसे डायने चक्रवात से मची तबाही के बाद मिली थी. उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. जनरल लखनऊ में हो रहे रक्षा प्रदर्शनी में आए हुए थे. ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए जनरल ने भारत को महान दोस्त बताया है.

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मेडागास्कर के रक्षा मंत्री के साथ राजनाथ सिंह

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Published : Feb 12, 2020, 7:17 AM IST

Updated : Mar 1, 2020, 1:19 AM IST

पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय नौसेना ने पूर्वी अफ्रीका के तट पर स्थित इस हिंद महासागर द्वीप राष्ट्र को 'ऑपरेशन वेनिला' के माध्यम से मदद की. इसके जरिए प्रभावित मालागासी आबादी को सहायता प्रदान की गई. आईएनएस ऐरावत को राहत कार्यों में सहायता प्रदान करने के लिए जल्दी से भेजा गया था. स्थानीय लोगों के लिए चिकित्सा शिविर भी लगाए गए थे. पिछले हफ्ते लखनऊ में डेफएक्सपो 2020 के दूसरे दिन राजनाथ सिंह और लेफ्टिनेंट जनरल रिचर्ड के बीच इस क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई. सिंह ने जोर देकर कहा कि समुद्री पड़ोसियों के रूप में दोनों देशों के पास सुरक्षित समुद्री वातावरण सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है, ताकि व्यापार और वाणिज्य फले-फूले.' लेफ्टिनेंट जनरल रिचर्ड ने बदले में जोर देकर कहा कि हिंद महासागर के समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा को बनाए रखने में भारत की महान भूमिका है.

मेडागास्कर के राष्ट्रपति राजोइलिना के एक ट्वीट के जरिए भारत को मानवीय सहायता के लिए धन्यवाद दिया था. इससे पहले पीएम मोदी ने लिखा, 'भारत और मेडागास्कर हिंद महासागर से जुड़े हैं. हर परिस्थिति में भारत मेडागास्कर के साथ खड़ा रहेगा. यह भारत की प्रतिबद्धता है. हम आपके साथ सिक्योरिटी एंड ग्रोथ ऑफ ऑल इन द रिजन, सागर, के लिए मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं.'

जिबूती में अपने सैन्य ठिकाने के माध्यम से पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को कम करने के लिए भारत ने अपने अफ्रीकी सहयोगियों के साथ रणनीतिक सहयोग पर काम करना शुरू कर दिया है. इस रणनीति के अनुरूप 6 फरवरी 2020 को लखनऊ में द्विवार्षिक रक्षा प्रदर्शनी 2020 के 11 वें संस्करण के दौरान पहली बार भारत अफ्रीका रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित किया गया. वर्षों से भारत ने नाइजीरिया, इथियोपिया और तंजानिया में रक्षा अकादमियों और कॉलेजों की स्थापना की है. बोत्सवाना, नामीबिया, युगांडा, लेसोथो, ज़ाम्बिया, मॉरीशस, सेशेल्स, तंजानिया सहित कई अफ्रीकी देशों में प्रशिक्षण दल तैनात किए और रक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रमों के साथ-साथ सद्भावना यात्राएं भी भेजी.

रक्षा मंत्री के साथ बैठक के बाद संयुक्त बयान में बताया गया कि हम मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों में, जैसे कि 2019 में मोज़ाम्बिक में चक्रवात आईडीएआई के दौरान और 2018 में जिबूती के माध्यम से 41 देशों के फंसे हुए व्यक्तियों को निकालना और वर्षों से इस तरह के विभिन्न ऑपरेशन, जिसमें मेडागास्कर भी शामिल रहा है, भारतीय रक्षा बलों के योगदान को स्वीकार करते हैं.

आतंकवाद और अतिवाद, चोरी, मानव तस्करी, मादक पदार्थों की तस्करी, हथियार तस्करी सहित संगठित अपराध की सामान्य सुरक्षा चुनौतियों को स्वीकार करते हुए, रक्षा मंत्री के कॉन्क्लेव ने अधिक से अधिक रक्षा सहयोग का आह्वान किया.

उनकी ओर से जारी बयान में ये भी बताया गया है कि हम रक्षा उद्योग के क्षेत्र में निवेश, रक्षा उपकरण सॉफ्टवेयर में संयुक्त उपक्रम, डिजिटल रक्षा, अनुसंधान और विकास, रक्षा उपकरण, पुर्जों के प्रावधान और टिकाऊ और पारस्परिक रूप से लाभप्रद शर्तों पर उनके रखरखाव समेत गहन सहयोग की उम्मीद करते हैं.

वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा के साथ इस बातचीत में, रक्षा मंत्री रिचर्ड ने रेखांकित किया कि भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं की रक्षा क्षमताओं को बदलने में मदद कर सकता है. मेडागास्कर ने इस साल 26 जून को अपने स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के लिए भारतीय रक्षा मंत्री को आमंत्रित किया है.

सवाल - मेडागास्कर में हाल ही में आए चक्रवात की वजह से कितना नुकसान पहुंचा है ?

लगातार बारिश से कई इलाकों में बाढ़ आ गई थी. जान और माल ,दोनों का भारी नुकसान हुआ. आधिकारिक तौर पर 21 मौतें, 20 लापता और लगभग 80,000 बेघरों की गिनती की गई है.

सवाल - सबसे पहली मदद के तौर पर भारत पहुंचा. आप नई दिल्ली से और क्या उम्मीद करते हैं.

भारत सरकार से सहायता वास्तव में पर्याप्त है, क्योंकि लगभग पांच टन भोजन और दवा के अलावा, स्वास्थ्य के लिए जरूरी सामग्रियां भी प्रदान की गई. इस कठिन समय में मालागासी आबादी की मदद करने के लिए मेडागास्कर ने भारत को महान मित्र के रूप में मान्यता दी है. हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राजनाथ सिंह का धन्यवाद किया है.

सवाल - क्या भारत के पास हिंद महासागर में सुरक्षा प्रदान करने की स्पष्ट क्षमता है.

इंडिया अपने कौशल और दुनिया भर में प्रतिष्ठा के लिए मान्यता प्राप्त एक बड़ा देश है. रक्षा प्रदर्शनी में इतने सारे देशों ने भागीदारी की, यह अपने आप में भारत के प्रति आकर्षण का एक बड़ा उदाहरण है. अपने भारतीय समकक्ष के साथ अफ्रीकी देशों के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भारतीय कंप्यूटर उद्योगों के प्रति अफ्रीकी देशों की बढ़ती रुचि दिखाई दी है. प्रगति और तकनीकी प्रगति ने भारत के साथ सहयोग को मजबूत करने की इच्छा जगाई है.

सवाल - लखनऊ में डिफेंस एक्सपो से आप क्या उम्मीद कर रहे हैं ? आपका अनुभव कैसा रहा है?

डेफएक्सपो किसी देश के इतिहास की सभी प्रमुख घटनाओं से ऊपर है, क्योंकि यह आयोजन करने वाले देश की क्षमता को और अधिक बढ़ाता है. रक्षा डिजिटलाइजेशन के मामले में भारत का प्रदर्शन उभरते देशों की रक्षा के परिवर्तन के लिए एक भविष्य का रास्ता खोलता है. सैन्य मामलों में क्रांति अब एक तिलस्मी अवधारणा नहीं है. डिजिटलकरण अब एक जरूरत है. सबसे निचले स्तर पर भी इसका कैसे उपयोग किया जा सकता है, इसे हर कोई महसूस कर रहा है. सीमा नियंत्रण या देश के अंदर सशस्त्र विस्फोटों के नियंत्रण को हल करने के लिए, हर जगह इसकी जरूरत है.

सवाल - भारत और मेडागास्कर के बीच आप किस तरह के सैन्य और सुरक्षा सहयोग की उम्मीद करते हैं ?

रक्षा प्रदर्शनी से इतर मेडागास्कर समेत भारतीय और अफ्रीकी देशों के रक्षा मंत्रियों का एक सम्मेलन हुआ. लक्ष्य हमेशा भारत-अफ्रीका सहयोग के ढांचे के भीतर अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा में सुधार करना है. इन सबसे ऊपर, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि द. अफ्रीका में गांधी गए थे. वहां उन्होंने नई भूमिका निभाई थी. इसके अलावा वर्तमान पीएम का भी जिम्वाम्वे से गहरा ताल्लुकात है. ये तो सिर्फ उदाहरण भर हैं. तथ्य है कि भारत ने गुट-निरपेक्ष देशों की अवधारणा की शुरुआत की. इसके जरिए भी हमारा संबंध काफी मजबूत हुआ. उम्मीदें बड़ी हैं. देखिए, जहां मेडागास्कर स्थित है, उस महासागर का नाम भी 'हिंद' महासागर है. हमारा सहयोग जारी रहेगा. हमारे प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत में ऐसे ही कई निर्णय लिए गए.

Last Updated : Mar 1, 2020, 1:19 AM IST

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