रांची : देवघर पूजा करने के लिए श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां बाबा मंदिर सहित कुल पांच मंदिर भगवान विश्वकर्मा ने बनाया है.
माना जाता है कि यहां पहले जंगल हुआ करता था और इसी जगह पर सभी देवताओं ने मंदिर स्थापना का निर्णय लिया था, जिसके बाद देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा को इसकी जिम्मेदारी दी गई. भगवान विश्वकर्मा ने एक रात में सभी पांच मंदिरों का निर्माण किया.
भगवान विश्वकर्मा ने किया 5 मंदिर का निर्माण
बाबा मंदिर परिसर में भगवान विश्वकर्मा ने पांच मंदिरों का निर्माण किया है, जिसमें मुख्य मंदिर बाबा बैद्यनाथ, माता पार्वती, भगवान गणेश, संध्या मंदिर और सूर्यनारायण मंदिर है.
मान्यताओं के मुताबिक जब भगवान विश्वकर्मा खुद के मंदिर का निर्माण कर रहे थे तब सभी देवी-देवताओं ने देखा कि ये बाबा बैद्यनाथ के मंदिर से भी भव्य अपने मंदिर का निर्माण कर रहे हैं, जो ठीक नहीं है.
बैद्यनाथ से भी भव्य बना रहे थे अपना मंदिर
इसके बाद देवताओं ने भगवान विश्वकर्मा से कहा कि बाबा बैद्यनाथ से ऊपर अपना मंदिर का निर्माण कैसे कर सकते हैं. इस बात पर भगवान विश्वकर्मा नाराज होकर बोले कि 'मैं जगन्नाथ हूं तो मेरा ही मंदिर भव्य होगा.' इसके बाद देवताओं ने साथ मिलकर एक मुर्गे का रूप धारण कर सुबह होने का संकेत दिया और मंदिर निर्माण को रोका गया.
भगवान विश्वकर्मा देवताओं के जाल में फंस कर अपने मंदिर का निर्माण अधूरा ही छोड़ दिए. आज यह मंदिर लक्ष्मीनारायण मंदिर के नाम से जाना जाता है.
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कोरोना के कारण इस बार भीड़ नहीं
बाबा मंदिर में आज के दिन लाखों की संख्या में भक्त बाबा भोले का दर्शन करने आते थे, लेकिन कोरोना काल में महज दो सौ लोग ही पूजा करने आ रहे हैं. वहीं, भक्त बताते हैं कि आज का दिन जगन्नाथ का और जगन्नाथ के द्वारा निर्मित मंदिर में पूजा करना अपने आप में एक बड़ी बात है.
बाबा मंदिर परिसर में कुल 22 मंदिर और 24 देवी-देवता हैं, जिसमें भगवान विश्वकर्मा ने पांच मंदिरों का निर्माण किया है. बाकी सभी मंदिर का निर्माण बाद में किया गया है.