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लोकसभा ने संसद सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन संशोधन विधेयक को मंजूरी दी

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Published : Sep 15, 2020, 5:32 PM IST

Updated : Sep 15, 2020, 6:38 PM IST

18:35 September 15

लोकसभा ने सांसदों के वेतन में एक वर्ष के लिए 30 प्रतिशत कटौती करने के प्रावधान वाले एक विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी. इस धनराशि का उपयोग कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति से मुकाबले के लिए किया जायेगा.

निचले सदन में संक्षिप्त चर्चा के बाद संसद सदस्य वेतन, भत्ता एवं पेशन संशोधन विधेयक 2020 को धवनिमत से मंजूरी दे दी गई. यह विधेयक इससे संबंधित संसद सदस्य वेतन, भत्ता एवं पेशन अध्यादेश 2020 के स्थान पर लाया गया है. इसके माध्यम से संसद सदस्यों के वेतन, भत्ता एवं पेशन अधिनियम 1954 में संशोधन किया गया है.

कोरोना वायरस महामारी के बीच इस अध्यादेश को 6 अप्रैल को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली थी और यह 7 अप्रैल को लागू हुआ था.

चर्चा में भाग लेते हुए अधिकतर विपक्षी सदस्यों ने कहा कि सांसदों के वेतन में कटौती से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन सरकार को सांसद निधि के निलंबन पर पुनर्विचार करना चाहिए.

संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने निचले सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न अभूतपूर्व स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. यह कदम उनमें से एक है.

उन्होंने कहा कि परोपकार की शुरूआत घर से होती है, ऐसे में संसद के सदस्य यह योगदान दे रहे हैं और यह छोटी या बड़ी राशि का सवाल नहीं है बल्कि भावना का है.

जोशी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा आती है तब एक विशिष्ट क्षेत्र को प्रभावित करती है, युद्ध दो देशों की सीमाओं को प्रभावित करता है. लेकिन कोविड-19 ने पूरे विश्व को प्रभावित किया है, दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने 20 लाख करोड़ रूपये के पैकेज के साथ ही 1.76 लाख करोड़ रूपये की गरीब कल्याण योजना की शुरूआत की. सरकार ने मनरेगा का आवंटन बढ़ाया और ग्रामीण आधारभूत ढांचे के लिए काम किया.

सांसद क्षेत्र विकास निधि (एमपीलैड) के बारे में सदस्यों के सवालों के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सांसद निधि को अस्थायी रूप से दो वर्षो के लिये निलंबित किया गया है.

उन्होंने कहा कि लोगों की मदद के लिए कुछ कड़े फैसले लेने की जरूरत थी.

चर्चा में हिस्सा लेते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वह एक पिछड़े हुए क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और ऐसे में सांसद निधि नहीं होने से विकास कार्य प्रभावित होगा.

उन्होंने कहा कि सांसद निधि का अधिकतर पैसा गांवों, अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के लिए खर्च होता है और ऐसे में यह निधि निलंबित करके सरकार इनके खिलाफ काम कर रही है.

कांग्रेस के ही डीन कुरियाकोस ने कहा कि सरकार को सांसद निधि निलंबित करने के बजाय धन जुटाने के लिए दूसरे साधनों पर विचार करना चाहिए था.

भाजपा के विजय बघेल ने कहा कि कोरोना महामारी के समय सभी सांसदों ने अपने क्षेत्रों के लिए काम किया और अब उन्हें इस विधेयक का समर्थन करके भी अपना योगदान देना चाहिए.

तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने कहा कि सरकार की ओर से सांसद निधि निलंबित करने से उनके क्षेत्र में प्रशासन की तरफ से इस निधि का पैसा जारी नहीं किया जा रहा है.

बीजद के पिनाकी मिश्र, एआईएमआईएम के इम्तियाज जलील और निर्दलीय सदस्य नवीनत कौर राणा ने भी कहा कि महामारी से निपटने के लिए सांसदों का वेतन केवल 30 प्रतिशत ही नहीं, बल्कि पूरा भी काट लिया जाए तो उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन एमपीलैड की राशि को नहीं रोका जाना चाहिए जो जनता का पैसा है.

द्रमुक के कलानिधि वीरस्वामी, वाईएसआर कांग्रेस के एम भारत और कुछ अन्य सदस्यों ने भी सांसद निधि के निलंबन का विरोध किया.

17:37 September 15

कांग्रेस के सदस्यों ने किया सदन से वाकआउट 

प्रश्नों के जवाब नहीं दिए जाने पर विरोध जताते हुए कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया.

रक्षा मंत्री के बयान के बाद कांग्रेस के सदस्यों ने कुछ प्रश्नों के जवाब की मांग की जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन में सहमति बनी है कि जब किसी लोक महत्व के विषय पर मंत्री द्वारा बयान दिया जाएगा तो उस पर कोई प्रश्न नहीं पूछा जाएगा.

17:07 September 15

जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषा की सूची में पंजाबी को शामिल करने की उठी मांग 

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल ने मंगलवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि केंद्रशासित प्रदेश की आधिकारिक भाषा की सूची में पंजाबी को भी शामिल किया जाए.

बादल ने सदन में शून्यकाल के दौरान आधिकारिक भाषा से संबंधित एक विधेयक का मुद्दा उठाया और कहा कि पंजाबी भाषा जम्मू-कश्मीर में बहुत लंबे समय से बोली जाती रही है, लेकिन अब इसे आधिकारिक भाषा की सूची से अलग रखा गया है. मेरी मांग है कि सरकार इस पर पुनर्विचार करे.

अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए और पंजाबी को जम्मू कश्मीर की आधिकारिक भाषाओं में शामिल करना चाहिए।तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने सांसदों के वेतन में कटौती और सांसद निधि के निलंबन का मुद्दा उठाया.

उन्होंने कहा कि सांसदों के वेतन में 100 फीसदी कटौती की जाए तो कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन सांसद निधि को निलंबित करने से जन प्रतिनिधियों को क्षेत्र में कामकाज में दिक्कत होगी. भाजपा के गणेश सिंह और रवींद्र कुशवाहा, कांग्रेस के अदूर प्रकाश और मोहम्मद जावेद ने भी अपने-अपने क्षेत्रों के मुद्दे उठाए.

16:40 September 15

लोक सभा कार्यवाही लाइव

नई दिल्ली :संसद में मानसून सत्र जारी है. इस दौरान सांसद कई मुद्दों पर बात कर रहे हैं. वहीं आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में चीन को लेकर कई बातें सदन के पटल पर रखी. इसके बाद कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट भी किया. 

बता दें कि, रक्षा मंत्री के बयान के बाद कांग्रेस के सदस्यों ने कुछ प्रश्नों के जवाब की मांग की जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन में सहमति बनी है कि जब किसी लोक महत्व के विषय पर मंत्री द्वारा बयान दिया जाएगा तो उस पर कोई प्रश्न नहीं पूछा जाएगा.

डीएमके के डॉ. कलानिधि वीरस्वामीने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बीच सरकार द्वारा अगले तीन साल में 20 हजार करोड़ की लागत से बनाई जाने वाली नई संसद बनाने का फैसला जनता के साथ अन्याय होगा. देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है. इस राशि का उपयोग कोरोना से लड़ने में किया जाना चाहिए. 

वहीं सांसद सुप्रिया सदानंद सुले ने कहा कि सांसदों के वेतन में कटौती कर जो पैसा बचाया जा रहा है उससे एक बिल्डिंग नहीं बनाई जानी चाहिए. इस पैसे अच्छी स्वास्थ सुविधाएं मुहैया करवाई जानी चाहिए, स्कूल बनवाए जाने चाहिए.    

Last Updated : Sep 15, 2020, 6:38 PM IST

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