बांकुरा : कोरोना वायरस ने देश और दुनिया के परिदृश्य को ही बदलकर रख दिया है. इतना ही नहीं इस महामारी के कारण पूरा विश्व लॉकडॉउन की मार झेल रहा है. इतना ही नहीं इसने कई व्यवसायों को बदलने के लिए मजबूर किया है. इस वैश्विक संकट के बीच सांसारिक मुद्दों को हल करने के लिए कई अभिनव व्यक्तित्व भी सामने आए हैं.
पेशे से ट्यूटर सुब्रत पति पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले के रहने वाले हैं. वह कोलकाता में किसी ऐसे संस्थान से जुड़े हुए हैं, जहां छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए दाखिला लेते हैं.
सुब्रत के लिए चीजें सुचारू रूप से चल रही थीं, लेकिन लॉकडाउन के कारण वह कोलकाता छोड़ने के लिए मजबूर हो गए. वहां से वह अपने घर बांकुरा जिले के अहंडा गांव लौट गए.
एक दिन जब वह घर पर बैठे हुए थे कि अचानक एक ऐसी सूचना आई कि वह चौंक गए और चिंतित होने के साथ-साथ उनके चेहरे से अजीब दुविधा के भाव उत्पन्न हो गए थे. यह फोन कोलकाता से था. जहां वह बच्चों को पढ़ाते थे. सुब्रत से कहा गया कि लॉकडाउन में वह बच्चों को घर से ही ऑनलाइन पढ़ाएं.
सुब्रत के लिए खुशी की बात थी कि वह फिर से संस्थान से जुड़ गए थे. लेकिन साथ ही दुख की बात यह थी कि वह एक ऐसे गांव के रहने वाले थे, जहां इंटरनेट की सुविधा ना के बराबर थी. इस गांव में मुश्किल से ही मोबाइल से इंटरनेट कनेक्ट हो पाता था.