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हिमाचल : इस गांव में 100 फीसदी कामयाब है लॉकडाउन, न पुलिस का डंडा, न प्रशासन की दबिश - मास्क पहनना अनिवार्य

कॉमिक गांव में न तो पुलिस का डंडा चलता है और न ही प्रशासन की पाबंदियां हैं, बावजूद इसके गांव के लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. 15,537 फीट की ऊंचाई पर लाहौल-स्पीति के कॉमिक गांव के लोग पूरी दुनिया को लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सीख दे रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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लॉकडाउन का पालन करते लोग

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Published : Apr 19, 2020, 2:36 PM IST

शिमला :देश-दुनिया में डंडे के जोर पर लॉकडाउन का पालन करवाया जा रहा है, तो वहीं विश्व के सबसे ऊंचे गांव कॉमिक के बाशिंदे खुद ही घरों में बंद हैं.छह माह तक बर्फ से लकदक रहने वाले इस गांव में न तो आजतक कभी पुलिस पहुंच पाई और न अधिकारियों या पंचायत प्रतिनिधियों का कोई खौफ है. फिर भी इस गांव के सभी 90 लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. लोग मास्क लगा रहे हैं और सैनिटाइजर का भी इस्तेमाल कर रहे हैं.

गांव में करीब 20 घर हैं. यह गांव इतनी ऊंचाई पर है कि यहां से चीन अधिकृत तिब्बत की सीमा से सटे पहाड़ दिखाई पड़ते हैं. गांव से छोटी-बड़ी जरूरत का सामान लेने के लिए भी उपमंडल प्रशासन की अनुमति पर 31 किमी दूर काजा आना पड़ता है. कॉमिक गांव में राशन की दुकान या डिपो नहीं है. लोग बर्फबारी से पहले छह महीने का राशन एक साथ जुटा लेते हैं. लॉकडाउन से पहले यहां गांव के लिए सुबह-शाम दो टैक्सियां चलती थीं जो फिलहाल बंद हैं. भाजपा कार्यकर्ताओं ने कॉमिक में लोगों को मास्क और सैनिटाइजर वितरित किए हैं, जबकि स्पीति प्रशासन ने ग्रामीणों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करते हुए इसके बचाव के तरीके बताए हैं.

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ग्रामीण डोलमा, छेरिंग अंगमो और हिशे ने बताया कि उन्हें जिला प्रशासन की टीम ने कोरोना वायरस फैलने और उसके बचाव की जानकारी दी है. स्थानीय निवासी डोलमा ने बताया कि टीवी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन का एलान सुना और उसके बाद गांव के सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग को तवज्जो दे रहे हैं. गांव में इंटरनेट सुविधा न होने से बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित हैं. बच्चों को खुद अभिभावक पढ़ा रहे हैं.

कोरोना संक्रमण के दौरान विश्व के सबसे ऊंचे गांव कॉमिक के बाशिंदे

स्पीति भाजपा मंडल अध्यक्ष पलजोर बौद्ध ने बताया कि कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने घाटी के लिए मास्क और सैनिटाइजर की खेप भेजी थी. कार्यकर्ताओं ने कॉमिक जाकर हर घर में मास्क और सैनिटाइजर वितरित किया है. वहीं, काजा एसडीएम जीवन नेगी ने बताया कि कॉमिक के साथ स्पीति के हर गांव पहुंचकर प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक कर रहा है.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के चलते सरकार ने मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है. इसी के मद्देनजर लाहौल स्पीति के लाहौल घाटी के मालंग गांव में महिला मंडल ने फरमान जारी किया है कि बिना मास्क गांव में प्रवेश करने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. पूरे गांव के लोग सभी आने-जाने वालों पर नजर रखे हुए हैं. जबकि, तांदी पंचायत में पहले से ही बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगी हुई है.

स्थानीय अखबारों में भी हुई गांव वालों की चर्चा

कोरोना वायरस के खिलाफ जारी लड़ाई में अपना योगदान देने के लिए मालंग गांव के ग्रामीणों ने शुक्रवार को कोविड-19 फंड में 17 हजार रुपये का अंशदान किया है. पूर्व ब्लॉक समिति सदस्य अनिल सहगल ने अंशदान का चेक तहसीलदार केलांग अनिल कुमार को सौंपा. सहगल ने बताया कि ग्रामीणों ने कोरोना वायरस के चलते बिना मास्क के किसी भी शख्स को मालंग गांव में प्रवेश नहीं देने का निर्णय लिया है.

गांव में दूसरे जिले के लोगों की एंट्री पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. महिला मंडल ने बिना मास्क गांव में प्रवेश करने वाले शख्स से 500 रुपये का जुर्माना वसूलने का फैसला लिया है. उधर, बिलिंग गांव ने भी कोविड-19 फंड में 18101 रुपये का अंशदान किया है और घाटी के लोग इस महारारी को लेकर जागरूक हैं.

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