कोट्टायम: केरल की एक स्थानीय अदालत ने 23 वर्षीय एक ईसाई युवक की झूठी शान की खातिर हत्या करने के अपराध में 10 लोगों को आजीवन कैद की सजा सुनायी. इस घटना के बाद समूचे राज्य में व्यापक प्रदर्शन हुआ था.
विशेष सरकारी वकील सी. एस. अजयन ने यहां पत्रकारों को बताया कि प्रधान सत्र न्यायाधीश सी जयचंद्रन ने भारतीय दंड संहित की धारा 302 (हत्या) और 364 ए (फिरौती का अपहरण) समेत विभिन्न धाराओं के तहत 10 लोगों को दोषी ठहराया.
उन्होंने सभी आरोपियों पर 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना की राशि तीन गवाहों- केविन के पिता जोसेफ, पत्नी नीनू चाको और रिश्तेदार अनीश सेबेस्टियन के बीच बांटी जाएगी. केविन के साथ अनीश को अगवा किया गया था.
अदालत ने 22 अगस्त को अपने फैसले में कहा था कि केविन पी जोसेफ की पत्नी के रिश्तेदारों ने उसकी हत्या की, जो झूठी शान की खातिर हत्या का मामला है.
अदालत ने मामले में महत्वपूर्ण गवाह अनीश सेबेस्टियन को एक लाख रुपये देने के लिए कहा जबकि बाकी राशि केविन की पत्नी नीनू और पिता जोसेफ के बीच बांटी जाएगी.
छह दोषियों को तीन-तीन साल के कठोर कारावास की अतिरिक्त सजा भी सुनायी गयी है और उन्हें पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी देना होगा.