हैदराबाद :सामाजिक कार्यकर्ता और आर्य समाज की प्रतिष्ठित हस्ती व सामाजिक मुद्दों और सुधार जैसे मुद्दों पर अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए सुर्खियों में रहने वाले स्वामी अग्निवेश का निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में शुक्रवार शाम को अंतिम सांस ली.
81 वर्षीय स्वामी अग्निवेश को सोमवार को नई दिल्ली के इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलरी साइंसेज (आईएलबीएस) में भर्ती कराया गया था. लिवर सिरोसिस से पीड़ित अग्निवेश के कई प्रमुख अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिस वजह से मंगलवार से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. जानें, स्वामी अग्निवेश के व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन से जुड़ी अहम बातें...
स्वामी अग्निवेश का असली नाम वेपा श्याम राव (Vepa Shyam Rao) है. उन्हें मुख्य रूप से 'बंधुआ मुक्ति मोर्चा' के संस्थापक और आर्य समाज के क्रांतिकारी नेता के रूप में जाना जाता है.
राजनीतिक सफर :
- 1970 में स्वामी अग्निवेश ने आर्य समाज के सिद्धांतों पर आधारित 'आर्य सभा' नामक एक पार्टी की स्थापना की.
- 1977 में वह हरियाणा विधानसभा में विधायक चुने गए.
- 1979 में उन्होंने हरियाणा सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया.
- 1981 में उन्होंने बंधुआ मुक्ति मोर्चा नाम के संगठन की स्थापना की. इस संगठन में भारत में बंधुआ मजदूरी के मुद्दों के खिलाफ आवाज उठाई गई.
व्यक्तिगत जीवन :
स्वामी अग्निवेश का जन्म 21 सितंबर 1939 को आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में हुआ. उन्होंने कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से अपनी शिक्षा ग्रहण की. शैक्षिक योग्यता में अग्निवेश ने लॉ एंड कॉमर्स की डिग्री हासिल की.
पुरस्कार, सम्मान व उपलब्धियां :
- स्वामी अग्निवेश ने वर्ष 2004 में दिल्ली में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार जीता.
- इसी वर्ष 2004 में उन्हें स्वीडन में राइट लाइवलीहुड अवार्ड से भी नवाजा गया.
- वर्ष 2006 में बेंगलुरु में स्वामी अग्निवेश ने एम. ए. थॉमस राष्ट्रीय अधिकार पुरस्कार हासिल किया.
स्वामी अग्निवेश एक विद्वान कार्यकर्ता और आध्यात्मिक नेता थे. आंध्र प्रदेश के ब्राह्मण परिवार में जन्मे स्वामी अग्निवेश ने संन्यासी का जीवन ग्रहण करने के लिए अपना नाम, जाति, धर्म, परिवार सहित सभी संपत्ति व अन्य सांसारिक सुख त्याग दिए.
बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक
स्वामी अग्निवेश बंधुआ मुक्ति मोर्चा (बॉन्डेड लेबर लिबरेशन फ्रंट) की नीव रखने के लिए जाने जाते हैं. इस अभियान के माध्यम से अग्निवेश ने बंधुआ मजदूरी के खिलाफ व्यापक आंदोलन छेड़ा.
उनके जनता की सेवा करने वाले कार्यों ने उन्हें सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने के लिए प्रेरित किया.