नई दिल्ली : लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे अगले भारतीय थल सेना प्रमुख होंगे. इससे पहले उन्होंने इस साल की शुरुआत में, 1.3 मिलियन की संख्या वाली सेना के उपाध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया था. वह 31 दिसंबर को जनरल बिपिन रावत के सेवानिवृत्त होने पर सबसे वरिष्ठ कमांडर होंगे.
बता दें कि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं. उनके बाद नरवाणे सेनाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे.
फिलहाल वह पूर्वी सेना की कमान संभाल रहे थे, जो चीन के साथ भारत की लगभग 4,000 किलोमीटर की सीमा की देखभाल करती है.
लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे वर्तमान में सेना के उपाध्यक्ष हैं और स्वतंत्रता के वह 28 वें थस सेना प्रमुख होंगे.
नरवणे की नियुक्ति के साथ, वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह सहित तीनों सेवा प्रमुख राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 56 वें पाठ्यक्रम से होंगे.
एक सिख लाइट इन्फैंट्री अधिकारी, ने बताया कि नरवाणे दिल्ली जाने से पहले कोलकाता में पूर्वी कमान के प्रमुख थे और पूर्वी सीमा पर हाल ही में किए गए प्रमुख अभ्यासों के पीछे उन्हीं की प्लानिंग थी.
जून 1980 में 7 वीं सिख लाइट इन्फैंट्री में नियुक्त, लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे को कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशंस का व्यापक अनुभव है.
इसके अलावा उन्होंने जम्मू और कश्मीर में एक राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन की कमान संभाली और एक मेजर जनरल के रूप में असम राइफल्स के इंस्पेक्टर जनरल रहे.
लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे की शादी वीणा नरवाणे से हुई है, जो एक शिक्षिका हैं और उनकी दो बेटियां हैं.