नई दिल्ली : भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए सरकार की ओर से औपचारिक स्वीकृति पत्र जारी हो गया है. पत्र जारी होने के बाद महिला अधिकारियों को संगठन में बड़ी भूमिका निभाने का अधिकार मिल गया है.
गुरुवार को इस संबंध में भारतीय सेना के प्रवक्ता ने कहा, 'जज और एडवोकेट जनरल (JAG) और आर्मी एजुकेशनल कॉर्प्स (AEC) की मौजूदा धाराओं के अलावा भारतीय सेना की सभी 10 शाखाओं में स्थायी कमीशन देने का फैसला केंद्र का सही दिशा में बढ़ाया गया कदम है.
भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने का औपचारिक पत्र जारी उन्होंने कहा कि जैसे ही सभी अल्प सेवा कमीशन (एसएससी) महिला अधिकारी अपने विकल्प का प्रयोग करेंगी और दस्तावेज से जुड़ी जरूरी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, बोर्ड में महिला अधिकारियों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
इससे पहले बीते सात जुलाई को सरकार को सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन पर अतिरिक्त समय मिला था. उच्चतम न्यायालय ने भारतीय सेना में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन पर अपने फैसले में दिए गए सभी निर्देशों का पालन करने का केंद्र को निर्देश दिया है. गौरतलब है कि केंद्र ने कोविड-19 वैश्विक महामारी का हवाला देकर छह माह का समय मांगा था.
यह भी पढ़ें : सरकार को सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन पर अतिरिक्त समय मिला
न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपना फैसला लागू करने के लिए केंद्र को एक और महीने का वक्त दिया है. केन्द्र ने अपने आवेदन में दावा किया था कि शीर्ष अदालत के 17 फरवरी के फैसले का पर्याप्त अनुपालन सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं.
कैप्टन तान्या शेरगिल हैं उदाहरण
बता दें कि महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हैं. महिला सैन्य अधिकारियों ने कई मौकों पर देश का गौरव बढ़ाया है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी कैप्टन तान्या शेरगिल का उल्लेख किया गया था.
गौरतलब है कि बीते वर्ष सितंबर माह में यह फैसला लिया गया था कि आगामी 17 वर्षों तक मिलिट्री पुलिस में प्रतिवर्ष 100 महिला अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा.
कहां से हुई शुरुआत
बता दें कि प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त, 2018 को की गई घोषणा के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान करने के लिए कदम उठाए. भारतीय वायु सेना में फाइटर पायलट सहित सभी शाखाएं अब महिला अधिकारियों के लिए खुली हैं.
भारतीय नौसेना में, अल्प सेवा कमीशन (एसएससी) के माध्यम से महिला अधिकारियों को शामिल करने के लिए, सभी गैर-समुद्रीय शाखाएं/संवर्ग/विशेषज्ञता में अवसर उपलब्ध कराए गए हैं.
किन जगहों पर मिलेगा स्थायी कमीशन
शिक्षा, कानून और नौसेना कंस्ट्रक्टर शाखा/संवर्ग के अलावा, महिला एसएससी अधिकारियों को पुरुष अधिकारियों के अनुसार, नौसेना आयुध शाखा में स्थायी कमीशन प्रदान करने के लिए पात्र बनाया गया है.
विगत 5 मार्च, 2019 को सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक भारतीय नौसेना के लिए तीन नए प्रशिक्षण जहाजों को शामिल करने के प्रस्ताव पर प्रक्रिया चल रही है. यह पुरुषों और महिला अधिकारियों दोनों के प्रशिक्षण के लिए अपेक्षित आधारभूत सुविधा प्रदान करेगा. प्रशिक्षण जहाजों के चलने के बाद भारतीय नौसेना सभी शाखाओं में महिलाओं को शामिल करना शुरू कर देगी.
10 शाखाओं में स्थायी कमीशन
महिला अधिकारियों को भारतीय सेना की उन सभी 10 शाखाओं में स्थायी कमीशन प्रदान किया जाएगा, जहां महिलाओं को लघु सेवा कमीशन (एसएससी) के लिए शामिल किया गया है. इसलिए, जज एडवोकेट जनरल (जेएजी) और सेना शिक्षा कोर की मौजूदा दो शाखाओं के अलावा, अब स्थायी कमीशन को सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, आर्मी एयर डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर्स, आर्मी सर्विस कोर, आर्मी ऑर्डिनेंस कोर और इंटेलिजेंस में महिला अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा.
सरकार के मुताबिक एसएससी महिला अधिकारी कमीशन सेवा के चार साल पूरा होने से पहले स्थायी कमीशन के लिए अपना विकल्प देंगी और वे स्थायी कमशीन मिलने और उनकी विशेषज्ञता के विकल्प का उपयोग करेंगी.
एसएससी महिला अधिकारियों के बारे में उपयुक्तता, योग्यता आदि के आधार पर स्थायी कमीशन के अनुदान के लिए विचार किया जाएगा और विभिन्न कर्मचारियों की नियुक्तियों में शामिल किया जाएगा.