गुमला: वर्षों बाद भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का सपना पूरा हो रहा है. पूरे भारतवर्ष में श्री राम मंदिर को लेकर सनातन धर्म में हर्ष और उल्लास देखा जा रहा है. वैसे भगवान श्री राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान को माना गया है. मान्यता है कि हनुमान जी का जन्म स्थल गुमला जिला में स्थित आंजन पहाड़ पर हुआ था. अब जब राम जन्मभूमि में श्री राम मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास होना है तो राम भक्त हनुमान की जन्म स्थली गुमला जिला में हनुमान भक्तों में खुशी की लहर है. गुमला जिलावासियों और बजरंग दल के लोगों ने श्री राम मंदिर के शिलान्यास के दिन हनुमान की जन्म स्थली आंजन में भी विशेष पूजा अर्चना की तैयारी में जुटे हैं.
इकलौती मूर्ति
हनुमान भक्तों ने कहा कि माता अंजनी के पुत्र पवनसुत हनुमान की जन्म स्थली अंजनी धाम में श्री राम मंदिर के शिलान्यास के दिन रामायण पाठ, रामचरितमानस पाठ, भजन कीर्तन और मंदिरों में दीपोत्सव मनाने की तैयारी की जा रही है. राम भक्त हनुमान जी के जन्म स्थली आंजन धाम को लेकर जिले के वरिष्ठ पत्रकार हरिओम सुधांशु ने बताया कि राम भक्त हनुमान की जन्म स्थली आंजन धाम में है. यहां पहाड़ पर एक गुफा है जहां से एक मूर्ति मिली थी और यह पूरी दुनिया में इकलौती मूर्ति है जिसमें माता अंजनी बाल हनुमान को अपनी गोद में लिए बैठी हैं.
माता अंजनी के नाम से ही पड़ा गांव का नाम, आंजन
मूर्ति को सुरक्षा की दृष्टि से वर्षों पूर्व गांव में स्थित मंदिर में प्रतिस्थापित की गई है. उन्होंने बताया कि जनजातीय जनश्रुति के अनुसार मान्यता है कि आंजन गांव का नाम माता अंजनी के नाम से ही पड़ा है. इस गांव में आज भी सैकड़ों शिवलिंग जहां-तहां बिखरे पड़े हैं, जबकि कई भूमिगत हैं. बताया जाता है कि इस गांव के आसपास 360 तालाब, 360 शिवलिंग और 360 महुआ के पेड़ हुआ करते थे. जिसमें माता अंजनी प्रतिदिन एक महुआ की पेड़ से दतवन कर, एक तालाब में स्नान करतीं और एक शिवलिंग में जल अर्पण करती थीं.