डोनाल्ड ट्रंप अपने खराब स्वभाव के लिए जाने जाते हैं. अब जब अपने शासन के अंत की ओर हैं फिर भी स्वभाव को छोड़ा नहीं है. उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी हार का जोरदार खंडन किया है. सत्ता हस्तांतरण की उनकी इच्छा अंत में राहत की बात है!
पूर्व रिपब्लिकन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ट्रंप के तर्कहीन रुख का समर्थन करने वाले कुछ रिपब्लिकन नेताओं को लोकतांत्रिक प्रणाली और चुनाव प्रक्रिया का अपमान कहकर फटकार लगाई थी. ट्रंप उन राज्यों में अपनी हार को पचाने में असमर्थ हैं, जिन्होंने पिछले चुनाव में उन्हें वोट दिया था. सत्ता में बने रहने के लिए कानूनी लड़ाई का सहारा लेना बहुत सारे लोगों को चौंका दिया. उन्होंने गृह मंत्रालय के उस अधिकारी को बर्खास्त कर दिया जिसने घोषणा की था कि चुनाव साफ-सुथरे ढंग से कराया गया था.
ट्रंप के निजी वकील का आरोप है कि वोटों की गिनती के लिए डिजाइन किए गए सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ की गई थी और इसका सर्वर जर्मनी में था. इससे अमेरिका और दूसरे देशों आक्रोश फैल गया. ट्रंप ने आरोप लगाया है कि दवा, मीडिया और प्रौद्योगिकी कंपनियों ने निर्दयतापूर्वक उनकी हार के लिए काम किया. हालांकि अदालतों ने फैसला सुनाया है कि आरोप अतिशयोक्तिपूर्ण और निराधार हैं.
जॉर्जिया जैसी जगहों पर दोबारा मतगणना का परिणाम नकारात्मक रहा हैं. अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति ट्रंप अनावश्यक रूप से सत्ता का हस्तांतरण कई दिनों तक रोकना चाहते है. वास्तव में जब यह स्पष्ट हो गया कि विजेता कौन है तो सरकार को इसकी पुष्टि करनी चाहिए. जीएसए (सामान्य सेवा प्रशासन) के लिए पुष्टि पत्र जारी करने के साथ सत्ता हस्तांतरण सुचारू रूप से शुरू होना चाहिए.
आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप दुश्मन के कैंप पर अपमानजनक आरोप लगाने में लिप्त रहे, उन्होंने मतों की गिनती की स्थापित व्यवस्था को कमजोर किया और अपने समर्थकों को सड़कों पर लड़ाई करने के लिए उकसाया...अंतत: उनका शासन समाप्त हो गया !