गया: बिहार के गया जिले का कुष्ठ रोग अस्पताल खुद इलाज के लिए तरस रहा है. यहां का जर्जर भवन, टूटे हुए बेड, गंदे शौचालय और पीने के पानी को तरसते लोग खुद हकीकत बयां कर रहे हैं. बता दें, यह इस क्षेत्र का अकेला कुष्ठ रोग अस्पताल है, जहां सुविधाओं का टोटा है. यहां के प्रशासन ने अब बाहरी कुष्ठ रोगियों को खाना देना बंद कर दिया है.
गया का कुष्ठ रोग अस्पताल ब्रिटिश शासनकाल के दौरान बना था, लेकिन अब इस अस्पताल को खुद इलाज की जरूरत है. अधिकारियों के कई आश्वासन के बाद भी यह अस्पताल सुविधाओं से अछूता है.
दिनभर की मेहनत के बाद कई कुष्ठ रोगी यहां शाम को भोजन की तलाश में आते हैं, लेकिन उन्हें अब मायूसी हाथ लग रही है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यहां सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. इस वजह से यह फैसला लिया गया है कि अब से सिर्फ यहां भर्ती रोगियों को ही भोजन दिया जाएगा. बाहर से आए कुष्ठ रोगियों के लिए यहां कोई व्यवस्था नहीं है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए अस्पताल के विनोद मंडल ने कहा कि उन्होंने कई बार सरकार से संपर्क किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. विनोद ने बताया कि गया के कुष्ठ रोग अस्पताल में इस समय 100 से अधिक मरीज भर्ती हैं, लेकिन कुछ दिनों पहले यहां चिकित्सा अधिकारी आए और कुछ रोगियों के नामों को लिस्ट से काट दिया. पूछने पर उन्होंने कहा कि ये कुष्ठ रोगी अब इस अस्पताल में भर्ती नहीं हैं.