पटना : बिहार में करोना से एक हजार लोगों की मौत के बावजूद अब रैलियों में न तो करोना की कोई गाइड लाइन पर अमल होता दिख रहा है और न ही कोरोना अब बिहार की राजनीति में कोई मुद्दा है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि, क्या बिहार में कोरोना का खौफ खत्म हो गया है?
बिहार चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर यूपी के सीएम आदित्यनाथ तक रैली कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी भी धुआंधार तरीके से प्रचार कर रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार भी सभाएं कर रहे हैं. लेकिन, इन सियासी धुरंधरों की रैलियों का जब ईटीवी भारत संवाददाता ने रियलिटी चेक किया. मंच के नीचे न मास्क दिखा न सोशल डिस्टेंसिंग. हालांकि, कहीं कहीं मंच पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा था.
पश्चिमि चंपारण में जेपी नड्डा की जनसभा
बेतिया के बड़ा रमना में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बुधवार को जनसभा को संबोधित करने करने पहुंचे थे. लेकिन, जनसभा में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही थी. मंच पर तो सब कुछ ठीक था. लेकिन मंच के नीचे न तो लोगों के चेहरे पर मास्क थे और न सोशल डिस्टेंसिंग.
जानकारी देते संवाददाता जितेंद्र बता दें कि जेपी नड्डा ने 11 अक्टूबर को गया में भी एक कार्यक्रम किया था, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की अनदेखी पर जिला प्रशासन ने आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. पुलिस के मुताबिक रैली में भाग लेने वाले लोगों ने कथित तौर पर मास्क न पहनकर और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों को न मानकर दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया.
जमुई में यूपी सीएम योगी की जनसभा
यूपी के सीएम योगी आदित्यानाथ बुधवार को जमुई के श्री कृष्ण सिंह स्टेडियम पहुंचे. जहां उन्होंने भाजपा प्रत्याशी श्रेयसी सिंह के पक्ष में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने धारा 370 से लेकर पाकिस्तान और सर्जिकल स्ट्राइक तक की बात की. मंच से उन्होने लोगों से मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की भी अपील की, लेकिन उसका कोई असर नहीं दिखा. यहां भी मंच पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया गया था. लेकिन मंच के नीचे किसी को कोरोना का खौफ तक नहीं था.
जमुई से जानकारी देते संवादाता गौतम कुमार दूसरी तरफ भोजपुर में सीएम योगी की दूसरी रैली का नजारा भी जमुई की तरह था. यहां भी कोरोना का खौफ किसी में नजर नही आ रहा था. योगी आदित्यनाथ को सुनने आये सर्मथक बिना मास्क के हजारों की संख्या में पहुंचे थे. भीड़ में लोगों के बीच कोई सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिखीं.
सारण में नीतीश की जनसभा में भी टूटे नियम
सारण में बिहार के मुखिया नीतीश कुमार की रैली का नजारा कुछ अलग नहीं था. जब नीतीश सारण के मढ़ौरा विधानसभा के जदयू प्रत्यासी अल्ताफ आलम राजू के पक्ष में आम सभा करने पहुंचे तो कहीं भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता हुआ नहीं दिखाई दिया. हालांकि कुछ लोग जरूर मास्क लगाए हुए थे, लेकिन ज्यादातर लोग लापरवाह दिखे.
जानकारी देते संवाददाता नीरज कुमार. "सभी को मास्क दिया जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग के लिए भी लाइन बनाई गई है. लेकिन जब जनसैलाब उमड़ जाता है तो किसी को कुछ कहा नहीं जा सकता." - अल्ताफ आलम राजू, जदयू प्रत्याशी
रोहतास में तेजस्वी की सभा, लोग भूले प्रोटोकॉल
बिहार चुनाव के बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की रैलियों में जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है. तेजस्वी की रैलियों में उमड़ रही इस भीड़ से एनडीए नेता भी काफी परेशान हैं. लेकिन इन सब के बीच तेजस्वी की रैलियों में कोरोना गाइडलाइन को लेकर बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. बुधवार को तेजस्वी रोहतास के डेहरी विधानसभा पहुंचे जहां उन्होंने राजद उम्मीदवार फतेह बहादुर के समर्थन में वोट मांगा. लेकिन इस दौरान नेता तेजस्वी की एक झलक पाने के लिए लोग बेकाबू हो उठे. यहां भी सोशल डिस्टेसिंग के मानकों की साफ अनदेखी दिखी.
भोजपुर में राजनाथ की सभा
भोजपुर के बड़हरा विधानसभा से एनडीए के उम्मीदवार राघवेंद्र प्रताप के समर्थन में जनसभा के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय और आरा सांसद आरके सिंह की चुनावी सभा में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी. हालांकि राजनाथ सिंह को सुनने आए लोग बिना मास्क पहुंचे. इसके अलावा जनसभा में सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ती दिखीं.
जानाकारी देते संवाददाता आलोक कुमार "लाल बिहारी सिंह को सुनने आए हैं. हमारा घर यहीं पर है, मास्क नहीं है, इसलिए नहीं पहन रहे हैं" -स्थानीय निवासी, भोजपुर
दरअसल, गृह विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, इनडोर या आउटडोर सभी तरह की रैलियों में मास्क पहनना अनिवार्य है. बंद हॉल में 200 लोगों से अधिक एकत्र नहीं हो सकते और साथ ही छह फीट की दूरी का पालन करना जरूरी है. रैलियों में गले मिलना और हाथ मिलाने से बचना चाहिए. आयोजकों को पेपर नैपकिन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही स्थल पर उचित सैनिटेशन व्यवस्था करना भी जरूरी है. लेकिन बिहार की चुनावी रैलियों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कहीं भी नहीं दिख रहा है.